आयुष्मान गोल्डन कार्ड बना दिखावा, निजी अस्पतालों की मनमानी से कर्मचारी बेहाल

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देहरादून। उत्तराखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन  विकासखंड सहसपुर में  हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष  प्रमोद सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए निजी अस्पतालों में उपचार की सुविधा देने के उद्देश्य से आयुष्मान गोल्डन कार्ड लागू किया गया है । लेकिन वर्तमान में निजी अस्पताल इस कार्ड के तहत उपचार करने से आनाकानी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गोल्डन कार्ड योजना का उद्देश्य प्रत्येक कर्मचारी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है, परंतु हकीकत यह है कि निजी अस्पताल कर्मचारियों से नगद भुगतान की मांग कर रहे हैं विरोध करने पर कई मामलों में कर्मचारियों को उपचार से वंचित किया जा रहा है, जो अत्यंत चिंताजनक स्थिति है।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लिए प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन से नियमित रूप से प्रीमियम की कटौती की जा रही है। इसके बावजूद कर्मचारियों को योजना का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। गोल्डन कार्ड के नाम पर हर माह करोड़ों रुपये की राशि एकत्र होने के बाद भी सरकारी पक्ष कमजोर नजर आ रहा है और कर्मचारियों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण का शीघ्र संज्ञान लिया जाए और या तो गोल्डन कार्ड के माध्यम से कर्मचारियों को पूर्ण एवं प्रभावी उपचार सुविधा सुनिश्चित की जाए, अथवा इस योजना को बंद कर कर्मचारियों को कोई ठोस विकल्प दिया जाए।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस संबंध में ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो उत्तराखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बैठक में मंत्री रविंद्र मोहन पांडेय, कोषाध्यक्ष मृदुल सिंह, स्नेहलता बिड़लान, प्रीति खाली, हर्षवर्धन जमलोकी, कादम्बरी डबराल, शकील अहमद, रेखू बाला, नंद किशोर, रूचि पैन्यूली, सलमान सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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