
नोएडा/गौतमबुद्धनगर 20 दिसंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित 15वें उत्तराखंड महाकौथिक में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी नागरिक, कलाकार, युवा एवं महिलाएं उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और आयोजन की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहते हुए भी उत्तराखंडी समाज द्वारा अपनी समृद्ध लोक संस्कृति, परंपराओं और पहचान को जीवंत बनाए रखना अत्यंत प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी राज्य की संस्कृति के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो राज्य से दूर रहकर भी अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहा उत्तराखंड महाकौथिक लोक कला, लोक संगीत, पारंपरिक विरासत और पहाड़ी उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का एक सशक्त मंच बन चुका है। ऐसे आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए उत्तराखंडियों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि महाकौथिक में पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प, कारीगरी, जैविक उत्पादों और पहाड़ी व्यंजनों के साथ-साथ जागर, बेड़ा, मांगल, खुदेड़, छोपाटी जैसे लोकगीतों तथा छोलिया, पांडव और झोड़ा-छपेली जैसे लोकनृत्यों के माध्यम से उत्तराखंड की जीवंत लोकसंस्कृति सजीव रूप में देखने को मिलती है। आयोजन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसकी अवधि को पांच दिन से बढ़ाकर सात दिन किया जाना इसकी सफलता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी ने पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था द्वारा एनसीआर क्षेत्र में उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है, वहीं ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के जरिए उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। केदारखंड और मानसखंड मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण, हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ का पुनरुद्धार, हरिद्वार-ऋषिकेश एवं शारदा कॉरिडोर, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऑल वेदर रोड, भारत माला, पर्वतमाला और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना जैसी योजनाओं से राज्य के बुनियादी ढांचे को नई मजबूती मिल रही है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद, दो उत्पाद’, स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम-स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी कई प्रभावी पहल की जा रही हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों में देश में प्रथम स्थान, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समग्र विकास के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति और डेमोग्राफी की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है। देवभूमि की पवित्रता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध गतिविधियों, अतिक्रमण तथा राष्ट्रविरोधी मानसिकता के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड नफरत नहीं, संस्कार चाहता है; विभाजन नहीं, एकता चाहता है और सरकार का उद्देश्य देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।







