स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत बोले – लापरवाह डॉक्टरों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता हेल्थ सिस्टम
देहरादून, 7 सितम्बर।
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 300 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। विभागीय अधिकारियों को उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि हाल ही में प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में बैकलॉग के 220 पदों पर डॉक्टरों की नियुक्ति कर उन्हें सुदूरवर्ती स्वास्थ्य केंद्रों में तैनाती दी गई है। अब शेष रिक्त करीब 300 पदों को शीघ्र भरने की तैयारी की जा रही है।
मंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार बेहतर हेल्थ सिस्टम तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में चिकित्सा इकाइयों के ढांचे से लेकर चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है, ताकि आमजन को नजदीकी अस्पताल में ही गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके।
इसी क्रम में विभाग ने लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे 56 बांडधारी चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि “हम लापरवाह चिकित्सकों के भरोसे हेल्थ सिस्टम नहीं छोड़ सकते।” निदेशक चिकित्सा शिक्षा को आदेश दिए गए हैं कि अनुबंध शर्तों के अनुसार इन चिकित्सकों से बांड की धनराशि वसूल की जाए।
गौरतलब है कि राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई न्यूनतम फीस पर अनुबंधित शर्तों के साथ कराई जाती है। इसके तहत पासआउट चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों में पांच वर्ष की सेवाएं देनी होती हैं। अनुपालन न करने पर बांड राशि जमा करानी होती है, तभी प्रमाणपत्र लौटाए जाते हैं। पिछले माह सरकार ने 234 गैरहाजिर बांडधारी चिकित्सकों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी, जिसके बाद 178 ने विभाग में पुनः ज्वाइनिंग कर ली, जबकि 56 ने निर्देशों को नज़र अंदाज किया, जिनकी सेवाएं अब समाप्त कर दी गई हैं।









