देहरादून 28 अक्टूबर।
राज्य में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन को लेकर एक और बड़ा कदम उठाया गया है। सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA), दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की चौथी बैठक में ₹382.26 लाख की तीन कार्ययोजनाओं को स्वीकृति दी गई।
स्वीकृत योजनाओं में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के लिए भू-गर्भीय जलभृत रीचार्ज की ₹207.56 लाख की कार्ययोजना और चमोली जिले की चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवन के लिए ₹174.70 लाख की परियोजना शामिल है।
बैठक में जल संरक्षण, प्रबंधन और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए। सचिव जावलकर ने सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रदेश की रजत जयंती वर्ष पर आयोजित जल संरक्षण कार्यक्रमों का डाक्यूमेंटेशन शीघ्र भेजा जाए।
उन्होंने कहा कि जल स्रोतों और नदी पुनर्जीवन से जुड़े रेखीय विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। जनपद स्तर पर SARRA समितियों की बैठकें कर नई कार्ययोजनाएं आगामी बैठक में प्रस्तुत की जाएं।
सचिव ने निर्देश दिए कि जल संरक्षण कार्यों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का शीघ्र गठन किया जाए, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी का कार्य करेंगी।
उन्होंने सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” के सिद्धांत पर कार्ययोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि जलागम से जुड़े कार्यों को हर जिले की योजना में प्रमुखता से शामिल किया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि SARRA से जुड़े रेखीय विभागों की तकनीकी टीमों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे परियोजनाओं का क्रियान्वयन वैज्ञानिक और प्रभावी तरीके से हो सके। साथ ही, राज्य के पारंपरिक धारों और नौलों का शीघ्र चिन्हीकरण कर उनके पुनर्जीवन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सचिव ने “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के जलागम क्षेत्रों में पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की ट्रेनिंग आयोजित करने के निर्देश भी दिए, ताकि जल प्रबंधन में स्थानीय विशेषज्ञता विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं में जनभागीदारी और क्षमता विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने एक करोड़ से अधिक लागत वाली योजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि जनपदों से आने वाली सभी प्रस्तावित योजनाओं में रेखीय विभाग मिलकर एक ही जलागम क्षेत्र पर काम करेंगे, जिससे सतत पुनर्जीवीकरण सुनिश्चित हो सके।
इस मौके पर विभिन्न जिलों के मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि और ग्राम विकास विभागों के प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, जबकि SARRA की राज्य स्तरीय टीम बैठक में मौजूद रही।
बैठक में हुए निर्णयों से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार जल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अंतर-विभागीय समन्वय तथा जनसहभागिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।