देहरादून में भव्य रामलीला महोत्सव – उड़ते पुष्पक विमान में सीता हरण, लेजर वॉल से सजी लक्ष्मण रेखा

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देहरादून, 27 सितम्बर।
श्री गुरु नानक मैदान रेसकोर्स में चल रहे रामलीला महोत्सव 2025 के छठे दिन शनिवार को शूर्पनखा लीला और सीता हरण का मंचन तकनीकी प्रभावों के साथ अद्भुत और रोमांचक ढंग से प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर उड़ते हुए पुष्पक विमान में सीता हरण का दृश्य और आकाश में रावण-जटायु का लेजर युद्ध मंचन का मुख्य आकर्षण रहा। मंच पर बनाई गई लेजर वॉल से लक्ष्मण रेखा का दृश्य और रावण के छूने पर उठती डिजिटल चिंगारियां देखकर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने बताया कि उत्तराखंड में पहली बार इस तरह की तकनीक का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि मंच पर डिजिटल जंगल, सीता हरण और रावण-जटायु युद्ध जैसे दृश्य दर्शकों के लिए अभूतपूर्व अनुभव रहे। वहीं शूर्पनखा लीला में शूर्पनखा के नृत्य ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गंगा सभा हरिद्वार अध्यक्ष नितिन गौतम, टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत कृष्ण गिरी जी, शत्रुघ्न मंदिर मुनि की रेती के महंत मनोज द्विवेदी, समाजसेवी दिनेश चमोली, शैलेश गौतम, हजारा मुल्तानी बिरादरी 1950 अध्यक्ष पवन चंडोक, महामंत्री सचिन विच सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

समिति अध्यक्ष थापर ने बताया कि 1952 से टिहरी की ऐतिहासिक राजधानी में होने वाली रामलीला, टिहरी डूबने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित की गई। पिछले वर्ष 2024 में इसका मंचन 55 लाख से अधिक दर्शकों ने विभिन्न माध्यमों से देखा था। इस बार उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेजर और साउंड शो के साथ-साथ डिजिटल लाइव टेलीकास्ट की सुविधा भी जोड़ी गई है, जिसे 75 लाख से अधिक दर्शकों द्वारा देखे जाने की उम्मीद है।

इस रामलीला महोत्सव में रामलीला मंचन के साथ-साथ उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, भजन संध्या, पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम, भव्य मेला, कलश यात्रा और 2 अक्टूबर को रावण, कुंभकरण, मेघनाथ व लंका दहन का आयोजन भी होगा।

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