देहरादून, 8 सितंबर।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कांग्रेस के अंदरूनी लोकतंत्र को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया है। चौहान ने कहा कि हरीश रावत खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि बहुमत होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, जिससे साफ हो गया कि कांग्रेस में नेता चयन विधायकों की इच्छा से नहीं, बल्कि नेतृत्व थोपकर होता है।
चौहान ने कहा कि हरीश रावत अपनी नाकामियों को छिपाने और सहानुभूति बटोरने के लिए बार-बार पुरानी बातें दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि जनता को रावत का धरना, प्रदर्शन और “लेटर बम” की राजनीति अच्छी तरह याद है। बहुमत का दावा करने के बावजूद सीएम पद न मिलने की पीड़ा कांग्रेस का असली अलोकतांत्रिक चेहरा उजागर करती है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि हरीश रावत ने सत्ता के लालच में एनडी तिवारी और विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकारा। उन्होंने कहा कि रावत की राजनीति में त्याग और नैतिकता का कोई स्थान नहीं रहा। जनता को बार-बार भ्रमित करने के प्रयास आज भी जारी हैं—कभी मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा, कभी धार्मिक यात्राओं का सहारा और अब अपने साथ अन्याय का रोना।चौहान ने कहा कि कांग्रेस में ही बड़ा वर्ग हरीश रावत की “सहानुभूति की राजनीति” को समझ चुका है और भरोसा नहीं करता। जनता भी सब जानती है और बार-बार खेले जा रहे इस कार्ड को कभी स्वीकार नहीं करेगी।








