यह घर बैठने का नहीं, बुजुर्गों की ज़मीन बचाने का समय है” – हेमा देवी

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हल्द्वानी 8 सितंबर।
बागजाला गाँव में भूमि के मालिकाना हक, निर्माण पर लगी रोक हटाने और पंचायत चुनाव का अधिकार बहाल करने सहित आठ सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 22वें दिन भी जारी रहा।

किसान महासभा बागजाला कमेटी के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। संगठन की प्रमुख नेता हेमा देवी ने धरनास्थल पर कहा,
“यह हमारे बुजुर्गों की जमीन है, इसे बचाने के लिए हमें घर से बाहर निकलना होगा। सिर्फ घर में बैठने से काम नहीं चलेगा, हर महिला और पुरुष को आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना होगा।”

किसान महासभा बागजाला की अध्यक्ष डा. उर्मिला रैस्वाल ने भरोसा जताया कि

“धरने को 22 दिन हो चुके हैं, लेकिन गाँव की जनता का जोश कम नहीं हुआ है। सभी के अटूट समर्थन से हमें पूरी उम्मीद है कि हम सफल होकर लौटेंगे।”
धरने में आज प्रमुख रूप से आनन्द सिंह नेगी, विमला रौथाण, डा. उर्मिला रैस्वाल, वेद प्रकाश, डा. कैलाश पांडेय, विमला देवी, हेमा देवी, पूरन गिरी, मो. परवेज, हरक सिंह बिष्ट, ऋषि मटियाली, मोहन लाल, गोपाल सिंह बिष्ट, दीवान सिंह बर्गली, एम.एस. मलिक, मीना भट्ट, हरदित्ता सिंह, अनीता अन्ना, अनवरी, चम्पा, गीता, विमला पांडे, पार्वती, धीरज, रितिक भंडारी, बैजन्ती, नसीम अहमद, जसराज, ललित प्रसाद, अम्बा दत्त, महेश राम, रेखा, लक्ष्मी, सुनीता, दुर्गा मटियाली, मधु बिष्ट, रेनू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने दोहराया कि आठ सूत्रीय मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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