उत्तराखंड एससीएसटी फेडरेशन ने 2005-06 में चयनित प्रवक्ताओं की ज्येष्ठता का निर्धारण किये जाने की मांग की

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देहरादून 28 अगस्त। उत्तराखंड एससीएसटी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करन राम ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2005-06 में चयनित प्रवक्ताओं की ज्येष्ठता का निर्धारण किये जाने की मांग की ।
ज्ञापन में उत्तराखंड फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करन राम ने कहा कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2005-06 में चयनित प्रवक्ताओं की ज्येष्ठता का निर्धारण शिक्षा विभाग द्वारा नियमानुसार विषयवार प्राप्त चयन सूची में वर्णित प्रवीणता के अनुरूप किया गया था । जो कि उत्तराखण्ड सरकारी सेवक नियमावली, 2002 यथासंशोधित 2024 के नियमों के तहत किया गया था, परन्तु शासनादेश संख्या-ई 320954 दिनांक 11.08.2025 द्वारा अलग-अलग चयन वर्षों में चयनित प्रवक्ताओं की सामूहिक विषयों की प्रवीणता के अनुसार ज्येष्ठता निर्धारित की गयी है। इस व्यवस्था से संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण एवं अनुच्छेद 16 (1) की अवधारणा, अवसर की समानता के सिद्धांत का उल्लंघन हो रहा है। उक्त के अतिरिक्त कार्मिक विभाग उत्तराखण्ड शासन के आदेश संख्या 1454, दिनांक, 31 अगस्त, 2001 सीधी भर्ती में आरक्षण नीति लागू करने हेतु निर्धारित रोस्टर का उल्लंघन हो रहा है साथ ही उत्तरांचल सरकारी सेवा ज्येष्ठता नियमावली, 2002 के भाग-दो में ज्येष्ठता का अवधारण इस प्रकार किया गया है- ‘जहाँ सेवा नियमावली के अनुसार नियुक्तियों केवल सीधी भर्ती द्वारा की जानी हो, वहाँ किसी एक चयन के परिणामस्वरूप नियुक्त किये गये व्यक्तियों की परस्पर ज्येष्ठता वही होगी जो यथास्थिति, आयोग या समीति द्वारा तैयार की गयी योग्यता सूची में दिखाई गयी है।
प्रतिबन्ध यह है कि सीधी भर्ती किया गया कोई अभ्यर्थी अपनी ज्येष्ठता खो सकता है, यदि किसी रिक्त पद का उसे प्रस्ताव किये जाने पर, वह विधिमान्य कारणों के बिना, कार्यभार ग्रहण करने में विफल रहता है, कारणों की विधिमान्यता के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी का विनिश्चय अन्तिम होगा।

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