फरीदाबाद 6 सितंबर।
भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी एवं भारत सरकार का ‘नवरत्न’ उपक्रम एनएचपीसी लिमिटेड अब नए नेतृत्व में आगे बढ़ेगी। 4 सितम्बर 2025 को भूपेन्द्र गुप्ता ने निगम मुख्यालय फरीदाबाद में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का पदभार ग्रहण किया।
एनएचपीसी में शामिल होने से पूर्व वे टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में निदेशक (तकनीकी) के पद पर कार्यरत थे तथा एसजेवीएन लिमिटेड के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक तथा संचालन प्रबंधन में एमबीए की डिग्रीधारी श्री गुप्ता का करियर 1991 में एसीसी लिमिटेड से शुरू हुआ। 1995 से एसजेवीएन में रहते हुए उन्होंने देश की सबसे बड़ी 1500 मेगावाट नाथपा झाकरी जलविद्युत परियोजना में योजना, स्थापना, कमीशनिंग एवं संचालन-रखरखाव में अहम भूमिका निभाई। 2002-2005 तक वे भूटान में 1020 मेगावाट ताला जलविद्युत परियोजना पर प्रतिनियुक्ति पर रहे।
इसके बाद 2007 में वे आरईसी लिमिटेड में आए और छह वर्ष तक जल एवं ताप विद्युत परियोजनाओं के वित्तपोषण, योजना व क्रियान्वयन में योगदान दिया। आरईसी की सहायक कंपनियों में परिचालन प्रमुख रहते हुए सौभाग्य, डीडीयूजीजेवाई, पीएमडीपी जैसी भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण कराया।दिसम्बर 2020 में गुप्ता भूटान की पुनात्सांगछू जलविद्युत परियोजना प्राधिकरण में निदेशक (तकनीकी) नियुक्त हुए और निर्माण गतिविधियों एवं लंबित संविदात्मक मुद्दों का समाधान किया। 9 जून 2023 को वे टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में निदेशक (तकनीकी) बने, जहाँ खुर्जा एसटीपीपी की यूनिट-1 (660 मेगावाट) की COD दिलाने तथा टिहरी पीएसपी (250 मेगावाट × 2) की सफल कमीशनिंग में उनका मार्गदर्शन निर्णायक रहा।34 वर्षों के शानदार अनुभव (जिसमें 31 वर्ष सीपीएसयू में) के साथ गुप्ता जलविद्युत, तापीय, नवीकरणीय ऊर्जा, पारेषण और वितरण सभी क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं। उनका दृष्टिकोण गैर-जीवाश्म ईंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, साइबर एवं डिजिटल सुरक्षा, ऊर्जा भंडारण और ईवी एकीकरण जैसी नई तकनीकों को अपनाकर भारत की बढ़ती बिजली मांग को सतत तरीके से पूरा करने पर केंद्रित है।पेशेवर जीवन के अलावा वे खेलों के भी शौकीन हैं। बैडमिंटन और टेबल टेनिस में कई इंटर-सीपीएसयू प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।एनएचपीसी परिवार को उम्मीद है कि गुप्ता के नेतृत्व में कंपनी नई ऊँचाइयों को छुएगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान देगी।









