श्री बदरीनाथ धाम 2 अक्टूबर। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 25 नवंबर को अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। इसके पूर्व 21 नवंबर से पंच पूजाओं की प्रक्रिया आरंभ होगी।
विजयदशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की उपस्थिति में मंदिर परिसर में आयोजित भव्य धार्मिक समारोह में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, हक-हकूकधारी, तीर्थ पुरोहित एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
कपाट बंद होने की परंपरा के अंतर्गत 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा के साथ गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर एवं शंकराचार्य मंदिर, 23 नवंबर को खड्ग-पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा। 24 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग अर्पित किया जाएगा और 25 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे। इसके उपरांत 26 नवंबर को भगवान कुबेर, उद्धव जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकालीन प्रवास के लिए पांडुकेश्वर और जोशीमठ के श्री नृसिंह मंदिर प्रस्थान करेगी।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने हक-हकूकधारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि मानसून आपदा के बावजूद अब तक 14,20,357 से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री बदरीनाथ धाम और 16,02,420 से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ धाम में दर्शन किए हैं। दोनों धामों में कुल मिलाकर 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो गर्व का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छता पखवाड़ा भी चलाया जा रहा है। इस अवसर पर बीकेटीसी के सदस्य, अधिकारी-कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज (23 अक्टूबर) को, श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर) को, द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे।
