जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने दून विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए जर्मनी में पढ़ाई और काम करने हेतु 10 छात्रवृत्तियों की घोषणा की

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जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के कुशल युवाओं के लिए जर्मनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में रूचि जताई

देहरादून, 28 अगस्त: उत्तराखंड दौरे पर आए एक उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत, विशेषकर उत्तराखंड के कुशल युवाओं के लिए जर्मनी में स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलीकरण क्षेत्रों में अपार रोज़गार संभावनाएं मौजूद हैं।

तीन दिवसीय दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को साहसपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का निरीक्षण किया। यह केंद्र कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित है। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र में दिए जा रहे प्रशिक्षण की सराहना की और भविष्य में साझेदारी की इच्छा जताई।

प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि हम इसके साथ मिलकर जर्मनी के लिए सही प्रतिभा खोजने और प्रशिक्षित करने के इच्छुक हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले से ही फिलिप्स मशीन टूल्स, श्नाइडर इलेक्ट्रिक और फेस्टो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम चला रहा है। ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल अब तक 32 प्रशिक्षित युवाओं को जापान में सफलतापूर्वक रोजगार दिला चुका है।

जर्मनी में रोजगार के इच्छुक उम्मीदवारों को जर्मन भाषा में दक्षता प्राप्त करनी होगी तथा वहां की मानकों के अनुरूप पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान प्रशिक्षु को पहले वर्ष से तीसरे वर्ष तक 600 से 1000 यूरो मासिक प्राप्त होंगे और उद्योग में समायोजन के बाद आय 1500 यूरो या उससे अधिक तक पहुँच सकती है। इन्वेशन हब राइन–माइन, (Rhein Main) जर्मनी के सीईओ श्री स्टीफन विट्टेकिंड (Stephan Wittekind) ने कहा, जर्मनी में स्वास्थ्य क्षेत्र, विशेषकर नर्सिंग, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारतीय युवाओं के लिए बेहद बड़े अवसर उपलब्ध हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड के युवा यदि भाषा दक्षता और कौशल उन्नयन के साथ तैयार किए जाएं तो वे जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

देहरादून के तीन दिवसीय दौरे पर आए एक उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने दून विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए 10 छात्रवृत्तियों की घोषणा की है। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर द्वारा दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों के अंतर्गत दून विश्वविद्यालय के छात्र उच्च शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण तथा रोजगार के अवसर जर्मनी में तलाशने के लिए प्राप्त कर सकेंगे।

यह घोषणा दून विश्वविद्यालय में आयोजित “गेटवे टू जर्मनी – ब्रिजिंग स्किल गैप्स, बिल्डिंग फ्यूचर्स” नामक संवादात्मक सत्र के दौरान की गई, जिसमें 500 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। छात्रवृत्ति के अंतर्गत चुने गए विद्यार्थियों का शिक्षा शुल्क, वीज़ा शुल्क, यात्रा, आवास और अन्य सभी खर्चों का वहन किया जाएगा।

कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा: “वैश्विक स्तर पर नौकरियों के अवसरों में सफल होने के लिए भाषा दक्षता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड, जर्मनी के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें। कल हम जर्मनी के साथ एक आशय पत्र (Letter of Intent) पर हस्ताक्षर करेंगे जिससे प्रौद्योगिकी, उभरते क्षेत्रों और कौशल विकास में दीर्घकालीन सहयोग स्थापित हो सके।”

जर्मन प्रतिनिधिमंडल में राउनहाइम (Raunheim) शहर के मेयर श्री डेविड रेंडल (David Rendel) जर्मनी के विदेशी निवेश प्रकोष्ठ के सलाहकार श्री सौरभ भगत तथा इनोवेशन हब राइन-माइन (Rhein Main) के सीईओ श्री स्टीफन विट्टेकिंड (Stephen Wittekind) शामिल थे।
प्रतिनिधियों ने कहा कि जर्मनी शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कौशल निर्माण, ऑटोमोबाइल समाधान और नवाचार आधारित उद्यमों जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड के साथ साझेदारी करने का इच्छुक है। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं को वैश्विक अवसर उपलब्ध कराना और भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत करना है। इस अवसर पर कौशल विकास एवं रोजगार सचिव श्री सी. रवि शंकर, उच्च शिक्षा सचिव श्री रंजीत कुमार सिन्हा और दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल भी उपस्थित रहीं।

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