देहरादून 16 अगस्त। पिछले 27 वर्षों से खिलाड़ियों, कोचों, रेफरी और समाजसेवियों के लिए काम कर रहे डा0 वीरेन्द्र सिंह रावत को उनकी सेवा का पुरस्कार मिला।
भारत सरकार की युवा मामला मंत्रालय से मान्यता प्राप्त संस्था ‘वाईएसएस फाउंडेशन दिल्ली द्वारा उन्हें 79वें स्वतंत्रता दिवस को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।
समाज में परिवर्तन का वाहक 56 वर्षीय डा0 रावत आज भी 5 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के बच्चों, युवाओं और नागरिकों को खेल प्रशिक्षण के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की कोचिंग दे रहे हैं। वह सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लगातार नशा मुक्ति, मोबाइल और फास्ट फूड त्याग और सकारात्मक सोच के लिए समाज को प्रेरित कर रहे हैं। उनके विचारों और कार्यों से अब तक लाखों युवाओं का जीवन बदल चुका है, जिन्होंने नकारात्मकता को छोड़ खेल और शिक्षा की राह पकड़कर अपने भविष्य को नई दिशा दी है।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित उनकी 27 वर्षों की अथक सेवा को पहचानते हुए अब तक देशभर की 70 से अधिक सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान उस संघर्षशील यात्रा की अगली कड़ी है, जो डा0 रावत ने समाज के प्रति अपने समर्पण से रची है।
सम्मान के बाद डा0 रावत ने तहे दिल से धन्यवाद प्रकट किया और कहा कि चयनकर्ता कमल चौधरी, जय प्रकाश शर्मा (डिफेन्स ऑफिसर, भारत सरकार) और सीके सक्सेना, केसी त्रिपाठी (इंडियन आर्मी ऑफिसर) का धन्यवाद जिनके समर्थन से उनका चयन हुआ और 15 अगस्त को सम्मानित किया गया।
डा0 रावत का जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए एक जीवंत प्रेरणा है। इस बात का प्रमाण कि यदि कर्म निस्वार्थ हों और उद्देश्य समाजहित, तो एक दिन राष्ट्र स्वयं उस योगदान को सम्मानित करता है। डा0 रावत को मिलने वाला यह सम्मान न केवल उनके लिए बल्कि उत्तराखंड और देशभर के उन हजारों युवाओं के लिए गर्व का क्षण है, जिनके जीवन में उन्होंने नई रोशनी भर दी।
