न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह बोले—उत्तराखंड वीरभूमि, हर परिवार में दो योद्धा
चम्पावत, 21 दिसंबर।


टनकपुर के गांधी मैदान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर के संयुक्त तत्वावधान में बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य समाज के वंचित, पिछड़े, जनजातीय वर्ग, पूर्व सैनिकों, महिलाओं एवं दिव्यांगजनों को उनके संवैधानिक अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता तथा सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय तथा विशिष्ट अतिथि माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, चम्पावत अनुज कुमार सांगल के स्वागत संबोधन से हुआ। स्कूली छात्र-छात्राओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की।
पूर्व सैनिकों की ओर से सेवानिवृत्त कर्नल उमेद सिंह एवं कैप्टन गंभीर सिंह धामी ने राष्ट्र सेवा में सैनिकों के योगदान को रेखांकित किया। इस अवसर पर वीर नारियों, युद्ध पुरस्कार प्राप्त सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। सूचना विभाग व स्कूली बच्चों की देशभक्ति प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर किया।
जनजातीय समुदाय की ओर से मो. इशाक, अध्यक्ष, पास्टोरल यूथ एसोसिएशन ने समाज की समस्याओं व अपेक्षाओं को रखा। थारू व बोक्सा समाज के प्रतिनिधियों से संवाद तथा जनजातीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनकी समृद्ध विरासत का प्रदर्शन किया गया। नशा उन्मूलन पर आधारित प्रस्तुति से समाज को नशे से दूर रहने का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत दिव्यांगजनों एवं जरूरतमंदों को व्हीलचेयर व सहायक उपकरण वितरित किए गए। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार मणि ने लोक अदालत, मध्यस्थता, निःशुल्क विधिक सहायता योजनाओं एवं ‘न्याय मित्र ऐप’ की जानकारी दी।
अपने उद्बोधन में न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह ने संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व तभी सार्थक होंगे जब समाज का प्रत्येक वर्ग अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरभूमि है, जहां हर परिवार में दो योद्धा होते हैं—एक सीमा पर तैनात सैनिक और दूसरी घर में संघर्षों का सामना करती महिला। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता देने हेतु विशेष प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
समापन सत्र में कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह द्वारा विभिन्न प्रतिभागियों एवं लाभार्थियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, प्रभारी जिला न्यायाधीश ऊधमसिंह नगर आशुतोष मिश्रा, सचिव डीएलएसए ऊधमसिंह नगर योगेन्द्र कुमार सागर, सचिव डीएलएसए चम्पावत भवदीप रावते सहित न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
Author: Day Night Khabar
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