आम यात्रियों पर न्यूनतम असर, सुरक्षा और परिचालन सुधार पर रहेगा फोकस
नई दिल्ली 21 दिसंबर।
भारतीय रेलवे ने यात्री किराए को तर्कसंगत बनाने का फैसला लिया है। नई किराया दरें 26 दिसंबर 2025 से लागू होंगी। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव का उद्देश्य आम यात्रियों पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए बढ़ती परिचालन लागत और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करना है।
रेलवे के अनुसार उपनगरीय ट्रेनों और मासिक सीज़न टिकट (एमएसटी) के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सामान्य श्रेणी में 215 किलोमीटर तक की यात्रा पर किराया यथावत रहेगा, जबकि 215 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर सामान्य श्रेणी में केवल 1 पैसा प्रति किलोमीटर की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी श्रेणी के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। वहीं, एसी श्रेणी के किराए में भी 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है। रेलवे के अनुसार नॉन-एसी कोच में 500 किलोमीटर की यात्रा करने पर यात्रियों को केवल 10 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
रेलवे का अनुमान है कि किराए को तर्कसंगत बनाने से चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक दशक में नेटवर्क और परिचालन में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। बढ़ती परिचालन आवश्यकताओं और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की गई है।
इसका परिणाम यह है कि कर्मचारियों पर होने वाला खर्च बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पेंशन व्यय 60,000 करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2024-25 में रेलवे का कुल परिचालन खर्च बढ़कर 2.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
रेलवे ने बताया कि बढ़ती लागत की भरपाई के लिए जहां एक ओर कार्गो लोडिंग बढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर यात्री किराए में बेहद सीमित और संतुलित वृद्धि की गई है। इन प्रयासों के चलते रेलवे की सुरक्षा और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कार्गो परिवहन करने वाला रेलवे बन चुका है।
त्योहारों के मौसम में 12,000 से अधिक ट्रेनों का सफल संचालन भी रेलवे की बेहतर परिचालन क्षमता का उदाहरण बताया गया है। रेलवे ने कहा कि वह आगे भी सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए दक्षता बढ़ाने और लागत को नियंत्रित करने के प्रयास जारी रखेगा।रा शीर्षक: आम यात्रियों पर न्यूनतम असर, सुरक्षा और परिचालन सुधार पर रहेगा फोकस
नई दिल्ली:
भारतीय रेलवे ने यात्री किराए को तर्कसंगत बनाने का फैसला लिया है। नई किराया दरें 26 दिसंबर 2025 से लागू होंगी। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव का उद्देश्य आम यात्रियों पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए बढ़ती परिचालन लागत और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करना है।
रेलवे के अनुसार उपनगरीय ट्रेनों और मासिक सीज़न टिकट (एमएसटी) के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सामान्य श्रेणी में 215 किलोमीटर तक की यात्रा पर किराया यथावत रहेगा, जबकि 215 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर सामान्य श्रेणी में केवल 1 पैसा प्रति किलोमीटर की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी श्रेणी के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। वहीं, एसी श्रेणी के किराए में भी 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है। रेलवे के अनुसार नॉन-एसी कोच में 500 किलोमीटर की यात्रा करने पर यात्रियों को केवल 10 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
रेलवे का अनुमान है कि किराए को तर्कसंगत बनाने से चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक दशक में नेटवर्क और परिचालन में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। बढ़ती परिचालन आवश्यकताओं और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की गई है।
इसका परिणाम यह है कि कर्मचारियों पर होने वाला खर्च बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पेंशन व्यय 60,000 करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2024-25 में रेलवे का कुल परिचालन खर्च बढ़कर 2.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
रेलवे ने बताया कि बढ़ती लागत की भरपाई के लिए जहां एक ओर कार्गो लोडिंग बढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर यात्री किराए में बेहद सीमित और संतुलित वृद्धि की गई है। इन प्रयासों के चलते रेलवे की सुरक्षा और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कार्गो परिवहन करने वाला रेलवे बन चुका है।
त्योहारों के मौसम में 12,000 से अधिक ट्रेनों का सफल संचालन भी रेलवे की बेहतर परिचालन क्षमता का उदाहरण बताया गया है। रेलवे ने कहा कि वह आगे भी सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए दक्षता बढ़ाने और लागत को नियंत्रित करने के प्रयास जारी रखेगा।






