राज्यपाल ने किया पंचकर्म अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन, कहा – आयुर्वेद बने ‘हीलिंग इन इंडिया’ का वैश्विक ब्रांड

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हरिद्वार/देहरादून, 29 सितंबर 2025।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार “रिसेंट एडवांसमेंट्स इन पंचकर्मा 2025” का उद्घाटन किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन पंचकर्म चिकित्सा की नई संभावनाओं और वैश्विक उपयोगिता पर केंद्रित है।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, अपर सचिव (आयुष) विजय कुमार जोगदण्डे, पतंजलि योगपीठ कुलपति आचार्य बालकृष्ण, सेमिनार अध्यक्ष प्रो. के. के. शर्मा सहित देशभर के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और शोधार्थी मौजूद रहे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि जब पूरी दुनिया जीवनशैली-जनित रोगों और तनाव से जूझ रही है, तब पंचकर्म की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों, औषधीय अनुसंधान और क्लीनिकल ट्रायल्स के साथ पंचकर्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित करना समय की मांग है। राज्यपाल ने भारत को “क्लीनिकल वेलनेस डेस्टिनेशन” के रूप में स्थापित करने का आह्वान करते हुए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘हीलिंग इन इंडिया’ की ब्रांड वैल्यू पर बल दिया।

अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि आयुर्वेद को आधुनिक विज्ञान से जोड़ना इसकी वैश्विक स्वीकार्यता को और मजबूत करेगा। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद में उपवास और लंघन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वास्तविक बल अंतःकरण का बल है।

कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पंचकर्म और वेलनेस सेक्टर में अपार संभावनाएँ हैं। इस अवसर पर अनुसंधान संकलन सोविनियर का विमोचन किया गया। साथ ही राज्यपाल ने पंचकर्म विभागाध्यक्ष प्रो. के. के. शर्मा को उनकी 37 वर्षों की सेवाओं के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबा, एसपी पंकज गैरोला सहित कई अधिकारी, डॉक्टर और शोधार्थी उपस्थित रहे।

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