जीवित देवियों का सम्मान करने से होती हैं भगवती प्रसन्न-सूर्यकांत धस्माना

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श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर करणपुर से मां दुर्गा समेत देवी देवताओं की धूम धाम से भावपूर्ण विदाई
जीवित देवियों का सम्मान करने से होती हैं भगवती प्रसन्न-सूर्यकांत धस्माना
देहरादून: शारदीय नवरात्र के अवसर पर बजरंग सेवा समिति की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा समापन के बाद आज करणपुर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर करणपुर से मां दुर्गा मां सरस्वती मां काली और श्री गणेश जी की प्रतिमाएं विसर्जन के लिए पूजा अर्चना क्षमा प्रार्थना के बाद ढोल नगाड़ों व बैंड बाजे के साथ धूम धाम से विदा कर दी गई इस अवसर पर मंदिर समिति के संरक्षक सूर्यकांत धस्माना ने मूर्तियों का माल्यार्पण कर मंदिर समिति पूजा समिति व बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को मां की पूजा निर्विघ्न सम्पन्न होने व विजय दशमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दुनिया में मां का सबसे बड़ा व ऊंचा स्थान होता हैं और भगवती जगदम्बा तभी प्रसन्न होती हैं जब हम अपने घर में रहने वाली मां स्वरूपा बेटी बहन पत्नी मां या किसी भी स्त्री का सम्मान करते हैं अन्यथा कोई कितने भी व्रत रख ले कितनी भी पूजा अर्चना कर ले किंतु अगर वह घर और समाज में स्त्री का सम्मान नहीं करता तो भगवती प्रसन्न हो ही नहीं सकती। श्री धस्माना ने कहा कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है किंतु माता कभी कुमाता नहीं होती। इस अवसर पर पूजा समिति के अध्यक्ष रवि कुमार गोलू, उपाध्यक्ष सनी मेहरा, मंत्री सौरभ दूसेजा, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर करणपुर के अध्यक्ष श्री सुरेश दुसेजा, श्री सुभाष वासुदेव, श्री सतीश दूसेजा, श्रीमति प्रोमिला कोहली, श्री जनक राज , श्री भूपेंद्र सिंह एडवोकेट, श्री नरेश सहगल, श्री आसुतोष द्विवेदी श्रीमति गौरी समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। मूर्तियों को गाड़ियों में झांकियों के रूप में सवार कर बैंड बाजे के साथ रवाना किया गया।

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