राजस्व वसूली बढ़ाने पर मुख्यमंत्री सख्त, एआई तकनीक के उपयोग के निर्देश

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राजस्व लक्ष्य समय पर पूरा करने को कहा, ग्रीन सेस वसूली में देरी पर नाराजगी

देहरादून 18 दिसंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 की राजस्व प्राप्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वसूली बढ़ाने पर विशेष ध्यान देते हुए निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी और जिलाधिकारी जनपदों में नियमित निगरानी सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कर चोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एआई आधारित तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने निबंधन एवं रजिस्ट्रेशन से जुड़े सभी कार्यों के पूर्ण डिजिटाइजेशन के निर्देश दिए। साथ ही सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का नियमित निरीक्षण, रजिस्ट्री के दौरान संपत्ति के उचित मूल्यांकन और आवश्यकता पड़ने पर संपत्तियों के स्थलीय निरीक्षण को भी अनिवार्य बताया।

प्रदेश से बाहर के वाहनों से ग्रीन सेस की वसूली में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए परिवहन विभाग को शीघ्र वसूली शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए राज्यहित में वन संपदा के समुचित उपयोग, तराई क्षेत्रों में कमर्शियल प्लांटेशन और जड़ी-बूटी क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना तैयार करने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए राजस्व में वृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “इस दशक को उत्तराखंड का दशक” बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए संसाधन वृद्धि को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विशेष श्रेणी के राज्यों में उत्तराखंड को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है तथा खनन सुधारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य को ₹200 करोड़ की केंद्रीय प्रोत्साहन राशि भी मिली है।

बैठक में जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹24,015 करोड़ का कर राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें अब तक 62 प्रतिशत से अधिक की प्राप्ति हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने आगामी अवधि में लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति के लिए समन्वित और सक्रिय प्रयासों के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीर्घकालिक आर्थिक सुदृढ़ता के लिए पूंजीगत निवेश पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी और स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण होगा। उन्होंने पारदर्शी, जवाबदेह और परिणामोन्मुखी प्रशासन के लिए कड़े वित्तीय अनुशासन, बेहतर प्रबंधन और सामूहिक उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत, सी. रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. रंजन कुमार मिश्रा, अपर सचिव अहमद इकबाल, सोनिका, हिमांशु खुराना, अनुराधा पाल, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, मनमोहन मैनाली सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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