चम्पावत 9 सितंबर। ग्राम पंचायत गुदमी, विकासखंड चंपावत में वर्ष 2019 से 2025 तक हुए विकास कार्यों और भुगतानों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ताओं ने इस संबंध में सीएम पोर्टल पर विस्तृत शिकायत दर्ज कराते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
शिकायतकर्ता ललित कालौनी ने बताया कि सहायक विकास अधिकारी ने मामले की निष्पक्ष जांच करने के बजाय जानकारी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रीता बिष्ट को दे दी, जिससे उन्हें सबूत मिटाने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मौका मिल गया। आरोप है कि रीता बिष्ट शिकायतकर्ता को फोन पर धमका भी रही हैं।शिकायत में ग्राम प्रधान विनीता राणा और उनके प्रतिनिधि जसवंत बसेड़ा का नाम भी शामिल है। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने नाम पर ही भुगतान लिया, जो नियमों के खिलाफ है। वहीं उनके परिजनों और बाहरी लोगों को मजदूर दिखाकर करीब 2.8 लाख रुपये का भुगतान दर्शाया गया।पंचायत अभिलेखों में बिना गतिविधि कोड वाले वाउचर, बिना प्रस्ताव व तकनीकी स्वीकृति के कार्य, निर्माण कार्यों में घटिया गुणवत्ता, संदिग्ध सप्लायरों को बड़े भुगतान, अधूरे बिल और जीएसटी नंबर विहीन रसीदें सामने आई हैं। यहां तक कि आरटीआई में मांगे गए बिलों पर यह कहकर पल्ला झाड़ा गया कि “बाढ़ में बह गए। मनरेगा कार्यों में भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। मछली तालाब और सीसी मार्ग कार्यों में लागत और व्यय में भारी अंतर बताया गया है। अन्य ग्रामसभाओं के निवासियों के नाम पर गुदमी में जॉब कार्ड बनाए जाने की बात भी शिकायत में कही गई है।
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि जांच उच्च स्तरीय समिति या स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए तथा ग्राम प्रधान, उनके प्रतिनिधि और पंचायत विकास अधिकारी को जांच से अलग रखा जाए। साथ ही सभी कार्यों का स्थल निरीक्षण और वित्तीय ऑडिट अनिवार्य किया जाए तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।







