देहरादून 1 अक्टूबर।
हृदय रोगों का बढ़ता बोझ इलाज की कमी से नहीं, बल्कि गलत जीवनशैली और रोज़मर्रा की लापरवाही से बढ़ रहा है। यह चेतावनी दी है डीएम कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. गगन जैन (मेडिट्रीना हार्ट सेंटर, कोरोनेशन अस्पताल, देहरादून) ने।
डॉ. जैन के अनुसार, तैलीय और पैकेट वाले खाद्य पदार्थ, मीठे पेय, तंबाकू-शराब का सेवन, लंबे समय तक बैठे रहना और तनाव जैसी आदतें धीरे-धीरे दिल को कमजोर करती हैं। “दिल की बीमारी अचानक नहीं आती, बल्कि सालों की अनदेखी का नतीजा होती है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने सुझाव दिया कि थाली में फल-सब्ज़ियाँ, दालें और अनाज शामिल करना, रोज़ कम से कम 30 मिनट पैदल चलना या योग करना, पर्याप्त नींद लेना और हानिकारक आदतों से दूरी बनाना दिल की बीमारी का खतरा आधा कर सकता है।
उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए यह संदेश और भी अहम है, जहाँ आधुनिक जीवनशैली और पारंपरिक आदतें मिलकर दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ा रही हैं। डॉ. जैन ने कहा, “दिल का भविष्य कैथ लैब या इमरजेंसी रूम में नहीं लिखा जाएगा, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की आदतों में ।
