उत्तराखंड की संस्कृति के ध्वजवाहक यहां के परंपरागत मेले: सूर्यकांत धस्माना
कोटद्वार। उत्तराखंड के कौथिग और मेले यहां की संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। हमारी समृद्धशाली परंपराएं, लोकगीत, वाद्य यंत्र और संस्कृति की झलक इन मेलों में देखने को मिलती हैं इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि इन मेलों के आयोजनों को प्रोत्साहित करें। यह बात कोटद्वार के पास डाडामंडी में राजकीय गेंद मेला सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा समिति द्वारा आयोजित गेंद मेले में बतौर मुख्य अतिथि जनता को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही।
उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष गेंद मेले के आयोजन के एक सौ पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मेले में उनकी ओर से हिमालयन अस्पताल जौली ग्रांट के सहयोग से दो दिवसीय वृहद स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा जिसमें आंखों के मुफ्त ऑपरेशन के लिए पंजीकरण से लेकर महिला, बच्चों, हड्डी कैंसर समेत अनेक विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक आएंगे व मरीजों का मुफ्त परीक्षण किया जाएगा। धस्माना ने कहा कि वे सरकार व पर्यटन व संस्कृति विभाग से मेले को शासकीय सहायता प्रदान करने के लिए वार्ता करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेला समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश तिवारी ने मुख्य अतिथि सूर्यकांत धस्माना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगले वर्ष भी मेले की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी धस्माना मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम स्थान भल गांव, द्वितीय स्थान रिंगवाड गांव व भीलड़ा बड़ा तृतीय स्थान धरथा की सदियों को मुख्य अतिथि सूर्यकांत धस्माना ने पुरस्कार वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन सतीश देवरानी ने किया। इस अवसर पर समिति के सचिव किशन लाल, कोषाध्यक्ष हरेंद्र सिंह रावत, सहसचिव मुकेश बर्थवाल, प्रदीप तोमर आदि उपस्थित रहे।
