


देहरादून, 16 सितंबर। उत्तराखंड के बहुचर्चित LUCC चिटफंड घोटाले में ठगी की शिकार हजारों महिलाओं ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की। यह ज्ञापन महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में सौंपा गया।
राज्यभर में 37 शाखाओं के माध्यम से ₹1200 करोड़ से अधिक की ठगी का आरोपित यह घोटाला मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करता है। कंपनी के प्रमोटर्स विदेश भाग चुके हैं और निवेशक पिछले कई महीनों से न्याय के लिए आंदोलनरत हैं।
पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली जैसे जिलों से आई महिलाएं 90 दिनों से आंदोलन कर रही थीं और बीते 8 दिनों से देहरादून के एकता विहार धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर डटी थीं।
ज्योति रौतेला का नेतृत्व
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने आंदोलन को न केवल समर्थन दिया बल्कि रणनीतिक नेतृत्व भी संभाला। उनके प्रयासों से मुख्यमंत्री कार्यालय से समय मिला और पीड़ितों की ओर से विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। इसमें प्रमुख मांगें रखी गईं—
घोटाले की सीबीआई जांच जल्द शुरू की जाए।
सुविधा केंद्र संचालकों की जांच कर संपत्तियां कुर्क की जाएं।
अब तक की सरकारी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाए।
मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल को इंटरपोल के माध्यम से भारत लाया जाए।
LUCC की सभी शाखाओं व निवेशकों की सूची सार्वजनिक की जाए।
दोषियों की गिरफ्तारी कर निवेशकों की राशि वापसी सुनिश्चित की जाए।
ज्योति रौतेला ने कहा—
> “यह सिर्फ आर्थिक धोखा नहीं, बल्कि महिलाओं की गरिमा और भरोसे पर हमला है। जब तक हर पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा, संघर्ष जारी रहेगा।”
भूख हड़ताल समाप्त, कार्मिक अनशन शुरू
मुख्यमंत्री धामी द्वारा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से CBI जांच को लेकर बातचीत और मिले आश्वासन के बाद महिलाओं ने भूख हड़ताल समाप्त कर कार्मिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया।
इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं जिनमें संगीता, सुशील रावत, आरती भट्ट, आशा देवी, हौसला, कविता, उर्मिला देवी, रजनी बिष्ट, कांता देवी, उमेंद्र सिंह, रोशनी, बबीता भट्ट आदि शामिल थीं।








