देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर को देखते हुए राज्य में वन पर्यटन और ईको-टूरिज्म को नई दिशा देने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने मंगलवार को सचिवालय स्थित सभागार में उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने बताया कि नंदा देवी शिखर को
पर्वतारोहण अभियानों के लिए खोले जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। साथ ही, राज्य की पर्वतारोहण नीति की समीक्षा कर नई नीति बनाने और ट्रैकिंग नियमों को लागू करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम को आगामी 15 नवंबर तक शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ईको-टूरिज्म के लिए चिन्हित 25 नई योजनाओं पर तेजी से काम किया जाए। इन स्थलों को जबरखेत मॉडल की तर्ज पर विकसित कर यहां आने वाले फॉरेस्ट टूरिस्ट के लिए आकर्षक और दीर्घकालिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि पर्यटक बेहतर अनुभव लेकर लौटें।
मुख्य सचिव ने ऋषिकेश स्थित चौरासी कुटिया (बीटल्स आश्रम) के पुनर्विकास कार्य को भी प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आश्रम से जुड़े दस्तावेजों और संदर्भों को ऋषिकेश एवं कोलकाता से संकलित कर प्रदर्शनी स्वरूप में पर्यटकों को दिखाया जाए।
बैठक में मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो ने ईको-टूरिज्म परियोजनाओं की प्रगति और प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव वन सी. रविशंकर, अपर सचिव विनीत कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) विवेक पांडेय, मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो, अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।









