देहरादून (अनिल भट्ट)21 दिसम्बर।
जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वाले जलसाजों व पत्थरबाजों पर रासुका लगाने व उच्च स्तरीय जांच को लेकर ज्ञापन सौंपा । मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधी मंडल को ने उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया ।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि फरवरी 2023 में बेरोजगार संघ द्वारा रैली का आयोजन किया गया था जिसमें पत्थरबाजों द्वारा बेरोजगारों एवं पुलिस कर्मियों पर घातक हमला किया गया था । जिसमें आंदोलन को फंडिंग की बात उभर कर सामने आई थी,जिसको लेकर तत्कालीन एसपी दिलीप सिंह कुंवर द्वारा दिनांक 14/ 2/23 को बयान जारी किया गया था कि उक्त आंदोलन को राजनीतिक दलों, कोचिंग संस्थानों व अन्य लोगों द्वारा किसी खास मकसद से फंडिंग की गई है ।लेकिन आज तक फंडिंग करने वालों का पर्दाफाश नहीं हो पाया था । मोर्चा द्वारा 6/3/ 2023 को बेरोजगारों के आंदोलन को फंडिंग करने वाले व पत्थर बरसाने वाले पत्थरबाजों को चिन्हित कर इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई को लेकर आंदोलन किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी । नेगी ने कहा कि उक्त फंडिंग मामले का पर्दाफाश होना देशहित में बहुत जरूरी है । उक्त फंडिंग मामले को मोर्चा पूर्व में 3/4/23 को डीजीपी अशोक कुमार के समक्ष भी रख चुका है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई इस मामले में नहीं हो पाई है । इतना अवश्य हुआ कि डीजीपी के निर्देश पर एसएसपी द्वारा विवेचक को फंडिंग मामले पर भी संज्ञान लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई ।मोर्चा डेढ़ वर्ष से अधिक समय से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रयासरत है | नेगी ने कहा कि अगर इसी प्रकार फंडिंग के माध्यम से आंदोलन हुए तो उत्तराखंड जैसे प्रदेश को जम्सामू-कश्मीर सा प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी ।नेगी ने स्पष्ट किया कि अगर आंदोलन में कोई फंडिंग नहीं हुई है तो एसएसपी, डीआईजी का बयान निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । नेगी ने कहा कि फंडिंग के माध्यम से आंदोलन करने को उकसाने वाले व पत्थरबाजों के आकाओं, साजिशकर्ताओं पर भी कठोर कार्यवाही प्रदेश हित में होनी चाहिए । प्रतिनिधि मंडल में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार मौजूद थे |
