पर्यटन विकास प्रकृति संग सामंजस्यपूर्ण होना चाहिए : महाराज

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देहरादून/दिल्ली, 13 सितम्बर।
प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन का विकास प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण होना चाहिए ताकि स्थानीय समुदाय को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।

वे शनिवार को दिल्ली द्वारका स्थित यशोभूमि (आईआईसीसी) में आयोजित आईसीआरटी भारतीय उपमहाद्वीप जिम्मेदार पर्यटन पुरस्कार-2025 एवं बीएलटीएम व्यापार शो में संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर उत्तराखंड पर्यटन को आईसीआरटी भारत-उपमहाद्वीप पुरस्कार-2025 का सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया। साथ ही जिम्मेदार पर्यटन साझेदारी के लिए उत्तराखंड पर्यटन और आईसीआरटी इंडिया फाउंडेशन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर हुए।

महाराज ने कहा कि यह सम्मान न केवल गर्व का विषय है बल्कि सरकार की सतत पर्यटन नीतियों और पहलों की पुष्टि भी करता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन, होम-स्टे और पर्यावरण संरक्षण आधारित योजनाओं के जरिये एक सतत पर्यटन मॉडल विकसित किया जा रहा है।

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