राज्य में राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा, कुम्भ मेला तैयारियों व पुनर्निर्माण पर दिया जोर
देहरादून 12 सितंबर। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के विभागाध्यक्ष एवं सदस्य राजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का दौरा कर आपदा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एनडीएमए ‘बिल्ड बैक बेटर’ की थीम पर राज्य को आपदा सुरक्षि
त बनाने के लिए हर स्तर पर सहयोग को तैयार है।
श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि आपदा प्रबंधन केवल संकट से निपटने का उपाय नहीं, बल्कि यह पुनर्निर्माण को टिकाऊ और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने का अवसर है।
राहत और पुनर्निर्माण पर जोर
उन्होंने हाल ही में संपन्न आईएमसीटी टीम के दौरे और जल्द होने वाले पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए) पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक आकलन के जरिए वास्तविक क्षति, प्रभावित आबादी, बुनियादी ढांचे और आजीविका पर पड़े असर का पता लगाना जरूरी है, ताकि केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल सके।
प्रशासन की तत्परता की सराहना
राजेंद्र सिंह ने आपदा के तुरंत बाद प्रभावितों को 24 से 72 घंटे में राहत राशि उपलब्ध कराने पर प्रशासन की संवेदनशीलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पीड़ितों की मानसिक व आर्थिक स्थिति को समझते हुए हर समय उनके साथ खड़ा रहना चाहिए।
नदी किनारे कस्बों की मैपिंग आवश्यक
जोशीमठ में चल रहे कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भूस्खलन, ग्लेशियर झील फटना और अतिवृष्टि जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नदी किनारे बसे कस्बों की मैपिंग और रिस्क असेसमेंट बेहद जरूरी है।
आपदा से न हो पलायन
श्री सिंह ने कहा कि आपदाओं के कारण राज्य से पलायन न हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। यह केवल आजीविका का प्रश्न नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि उत्तराखण्ड की सीमावर्ती स्थिति और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था इसे और भी संवेदनशील बनाती है।
शोध संस्थानों से तालमेल पर बल
उन्होंने राज्य के वैज्ञानिक व शोध संस्थानों से समन्वय करने पर बल दिया। कहा कि इनके अनुभव और डेटा का उपयोग कर आपदा पूर्व तैयारी को और प्रभावी बनाया जा सकता है। सुरक्षित पर्यटन और चारधाम यात्रा को आपदा जोखिम से मुक्त बनाना राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित यूएसडीएमए के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।









