देहरादून, 10 सितंबर।
समग्र शिक्षा परियोजना के अंतर्गत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से एससीईआरटी सभागार में शुरू हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आने वाले समय में बीआरपी और सीआरपी विद्यालयों और विभाग के बीच सेतु का काम करेंगे। साथ ही शिक्षा को रोचक और गुणवत्तापूर्ण बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
डॉ. रावत ने बताया कि लंबे समय से रिक्त चल रहे बीआरपी और सीआरपी के 955 पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती की गई है। भर्ती प्रक्रिया रोजगार प्रयाग पोर्टल के माध्यम से मैरिट के आधार पर की गई, जिसमें नियमानुसार आरक्षण भी लागू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में समय अधिक लगा, लेकिन इससे विभाग को योग्य और श्रेष्ठ अभ्यर्थी मिले हैं। शिक्षा मंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की कि वे निष्ठा और समर्पण से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे और शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाएंगे।
प्रशिक्षण के पहले दिन एससीईआरटी की निदेशक वंदना गर्ब्याल ने चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालयी शिक्षा से जुड़े विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी दी। समग्र शिक्षा के एपीडी कुलदीप गैरोला ने कहा कि बीआरपी का मुख्य दायित्व स्कूल, शिक्षकों और विद्यार्थियों को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करना है। कार्यक्रम को अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, उप परियोजना निदेशक अजीत भंडारी और बी.पी. मंदोली ने भी संबोधित किया।
प्रशिक्षण के दौरान आउटसोर्स एजेंसी अलंकित के स्टेट हेड मोहर सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
डीबीटी से छात्रों को गणवेश की धनराशि
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने प्रदेशभर के 5,16,569 छात्र-छात्राओं को समग्र शिक्षा के तहत गणवेश की धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए उपलब्ध कराई। एक क्लिक में राशि सीधे छात्रों के खातों में स्थानांतरित की गई। उन्होंने कहा कि निःशुल्क गणवेश योजना से न केवल अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि बच्चों को शिक्षा के प्रति भी प्रोत्साहन मिलेगा।









