विश्व आत्महत्या निषेध जागरूकता दिवस पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय में कार्यशाला आयोजित

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देहरादून, 10 सितम्बर।
विश्व आत्महत्या निषेध जागरूकता दिवस के अवसर पर फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा एसजीआरआर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मियों के लिए निःशुल्क जागरूकता एवं परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मनोवैज्ञानिक व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने प्रतिभागियों को आत्मघाती मानसिकता और उससे जुड़ी परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विश्वभर में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। इसके पीछे बेरोजगारी, आर्थिक हानि, असफल प्रेम संबंध, पुरानी बीमारी, अवसाद और नशे की आदत जैसी कई वजहें प्रमुख रूप से सामने आती हैं।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आत्महत्या से पहले व्यक्ति लगभग 20–30 बार संकेत देता है। यदि इन संकेतों को गंभीरता से लेकर समय पर मदद दी जाए तो अनेक जीवन बचाए जा सकते हैं। अक्सर समाज इन संकेतों को अनदेखा कर देता है या मज़ाक समझकर टाल देता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों में ऐसे संकेतों को पहचानने की तकनीकें सिखाईं और उनका प्रभावी उपयोग करने के तरीके भी बताए।फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी के माध्यम से अब तक डॉ. शर्मा सौ से अधिक लोगों का जीवन प्रत्यक्ष तौर पर बचा चुके हैं। इनमें छात्र, सुरक्षा कर्मी, पेशेवर, महिला व पुरुष शामिल हैं। संस्था मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और थेरेपी पूर्णतया निःशुल्क प्रदान करती है।इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मालविका कांडपाल और डॉ. आनंद कुमार ने डॉ. शर्मा एवं उनकी टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया और उनके प्रयासों को समाज के लिए सराहनीय बताया।

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