भाजपा राज में क्या चल रहा बेटी बचाओ या अपराधी बचाओ?

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देहरादून 31 जुलाई।
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने हरिद्वार यौन शोषण कांड में भाजपा को जबरदस्त खरी खोटी सुनाई।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दसौनी ने कहा कि भाजपा की पूर्व नेत्री और उसके प्रेमी को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है, और पूरे प्रकरण में सामने आए हैं कुछ और रसूखदार नाम जो उत्तराखंड की सियासत में भूचाल खड़ा कर सकते हैं।
गरिमा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि हरिद्वार को शर्मसार करने वाले यौन शोषण कांड में एक बार फिर भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। पूर्व भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष अनामिका शर्मा और उसके प्रेमी सुमित पटवाल को तीन दिन की रिमांड पर लेकर एसआईटी पूछताछ कर रही है। पुलिस की जांच अब आगरा के उस होटल तक पहुँच गई है, जहाँ रजिस्टर में दर्ज तीन नए नामों ने इस घिनौने मामले को और भी सियासी रंग दे दिया है।
गरिमा ने कहा कि ऐसा संदेह जताया जा रहा है कि ये नाम प्रदेश के प्रभावशाली नेता और उच्च पदस्थ अधिकारी हो सकते हैं।गरिमा के अनुसार अनामिका के करीबियों का कहना है कि उसके पास कई नेताओं और अफसरों के बारे में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मौजूद हैं, जिनमें उसकी निजी क्लिपिंग्स और चैट्स शामिल हैं। मोबाइल से बरामद 16GB डाटा इस पूरे सेक्स रैकेट की परतें खोल सकता है, लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड की ही तरह इस पूरे मामले में लीपापोती के प्रयास जारी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पीड़िता पहले ही अनामिका के प्रेमी सुमित पटवाल और उसके दोस्त शुभम पर भेल स्टेडियम, वृंदावन और आगरा में दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगा चुकी है। आरोप है कि अनामिका शर्मा ने अपनी ही 13 वर्षीय बेटी को अपने प्रेमी और उसके दोस्तों को ‘परोस’ दिया जो किसी भी सभ्य समाज को झकझोर देने वाला मामला है।
गरिमा ने कहा कि भाजपा राज में दो कानून चल रहे हैं एक विपक्षी दलों के नेता और जनता के लिए और दूसरा सत्ता रूढ़ दल के लोगों के लिए। गरिमा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा सरकार ने अपराधियों को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी और वीआईपी का नाम बाहर नहीं आने दिया, क्योंकि उस प्रकरण में भी आरोपी के तार भाजपा से जुड़े हुए थे इसलिए सारे साक्ष्य और सबूत मिटाने के लिए वनांतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चला दिया गया। अब फिर वही दोहरा मापदंड अपनाते हुए भाजपा अपने रसूखदार नेताओं को बचाने में लगी है।
गरिमा ने मांग करते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराई जाए।
अनामिका शर्मा से जुड़े 16GB डाटा को सार्वजनिक किया जाए और डिजिटल फॉरेंसिक जांच करवाई जाए।
रजिस्टर में दर्ज तीनों नामों का खुलासा हो और यदि वे पदस्थ अधिकारी या जनप्रतिनिधि हैं तो तत्काल निलंबन व गिरफ्तारी हो।
गरिमा ने कहा कि भाजपा की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि वह इस घिनौने अपराध में शामिल अपने लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। उत्तराखंड की जनता अब इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।
दसौनी ने कहा कि जनता जानना चाहती है कि भाजपा राज में कानून व्यवस्था किस नीति के तहत कार्य कर रही है । बेटी बचाओ या अपराधी बचाओ ।

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