देहरादून 12 जनवरी।
*विभिन्न देशों में निवासरत उत्तराखंडियों के समागम में दिखा अपनी मिट्टी के प्रति अटूट प्रेम*
*तेजी से विकसित हो रहे उत्तराखंड के सु:ख-दु:ख में समान भागीदारी करने का मुख्यमंत्री ने किया आह्वान*
*प्रवासी उत्तराखण्डियों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की पहल का स्वागत किया, कहा इससे अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिला*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ किया।
विभिन्न देशों में निवासरत उत्तराखंडियों के इस समागम में अपनी मूल जड़ों, विरासत और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम और उत्साह की झलक दिखी।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि तेजी से विकसित हो रहे उत्तराखंड में निवेश की व्यापक संभावना है। साहसिक पर्यटन, पावर जेनरेशन, एरोमेटिक, विनिर्माण, कृषि, उद्यान, हर्बल, आयुष एंड वैलनेस इत्यादि में निवेश की आभार संभावनाएं हैं। कहा कि हमने राज्य को निवेश डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए नीतिगत और ढांचागत दोनों स्तर पर बड़े सुधार किए हैं। काम शुरू करने में आसानी हो इसके लिए नियमावली में उसी अनुरूप सुधार किए हैं। अपराधमुक्त और भयमुक्त समाज के लिए अनेक सख्त वैधानिक प्रावधान किए हैं।
सड़क, रेल, हवाई अड्डा, रोपवे, संचार नेटवर्क का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जिससे राज्य एक सुरक्षित, सुगम और आकर्षक निवेश स्थल के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। नीति आयोग की रैंकिंग भी इसी और इशारा करती है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि उत्तराखंड की पलायन जैसी विकट समस्या के समाधान के लिए अपनी मातृभूमि के किसी गांव – कस्बे को गोद लेते हुए उसको विकसित और संरक्षित करने का प्रण लें। उन्होंने कहा कि राज्य को आपकी योग्यता, अनुभव और तकनीकी ज्ञान की बहुत आवश्यकता है और राज्य की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को साकार करने में यह महत्वपूर्ण भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का एक विशिष्ट महोत्सव भी है। हमारे प्रवासी उत्तराखंडी अपनी ईमानदारी, मेहनत और समर्पण के लिए देश-विदेश में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। कहा कि जिस तरह से देश-विदेश में भारत का नाम आप लोग रोशन कर रहे हैं इसी तरह से अपनी मातृभूमि उत्तराखंड का नाम भी रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रवासियों से बेहतर समन्वय और सहयोग प्रदान करने के लिए प्रवासी प्रकोष्ठ का भी गठन किया है। हम शीघ्र वेंचर फंड का भी प्रावधान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 उत्तराखंड के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। इस वर्ष राज्य अपना रजतोत्सव मना रहा है। आगामी 28 जनवरी से राज्य राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है। इसी माह सम्मान नागरिक संहिता कानून लागू करने जा रहे हैं। हाल ही में हमने शीतकालीन पर्यटन की शुरुआत भी की है। जो राज्य की आर्थिक के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
उत्तराखंड के प्रवासियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह से उन्होंने भी बचपन में यहां की पगडंडिया नापी है। तब के और आज के उत्तराखंड में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। तब हमने रोजगार की तलाश में विदेश का रुख किया था। कहा कि आज बदलते उत्तराखंड में युवाओं को काम करने के लिए बहुत संभावनाएं है। क्योंकि आज उत्तराखंड ने बहुत से क्षेत्रों में विकास के बड़े मानक तय किए हैं।
प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, ए. के. काला और शैलेश उप्रेती ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी माटी के लिए कुछ करने का अवसर मिला है। हम सभी अपने अनुभव, तकनीक और ज्ञान से राज्य सरकार के साथ मिलकर पलायन की इस समस्या का बेहतर समाधान कर सकते हैं। कहा कि हम सभी प्रवासियों को राज्य के दुरस्त क्षेत्र का कोई- ना – कोई गांव जरूर गोद लेना चाहिए। अपना गांव तो गोद ले ही सकते हैं। गांव गोद नहीं ले सकते तो कम – से – कम किसी बच्चे को ही गोद लें।
बहुत से प्रवासियों ने अपनी मातृभाषा में संबोधन किया जिससे मातृभूमि के प्रति उनका गहरा नाता दिखा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में अपना योगदान देने वाले तथा राज्य के गांव को गोद लेने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, ए. के. काला और शैलेश उप्रेती को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा *हाउस आफ हिमालयाज उत्तराखंड ब्रांड* से विक्रय किए जाने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, रंजीत कुमार सिन्हा, विनोद कुमार सुमन, दीपेंद्र चौधरी, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, डीजी सूचना बंशीधर तिवारी सहित संबंधित गणमान्य लोग उपस्थित थे।
[1/12, 4:05 PM] रवि विजारनिया Pahadon Ki Goonj: *अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन विशेष – प्रथम सत्र*
*विशेषज्ञ बोले – उत्तराखंड में हर क्षेत्र में निवेश की भरपूर संभावनाएं*
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के प्रथम सत्र में विनिर्माण, ऊर्जा उत्पादन और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
थाइलैंड से आए ब्रॉस्टेन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एके काला ने कहा कि 30 साल तक विदेश में काम करने के बाद अब वो भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोलने की तैयारी कर रहे हैं, इसमें वो उत्तराखंड को प्राथमिकता देंगे। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में ऑयल एंड गैस सेक्टर के लिए उपकरण तैयार कर दुनिया भर में सप्लाई करें। डॉ एके काला ने कहा कि वो उत्तराखंड में पलायन से पूरी तरह खाली हो चुके गांवों को भी फिर आबाद करने के लिए काम करना चाहते हैं, इसके लिए किसी एक ऐसे गांव को गोद लेने का प्रस्ताव शासन को दे चुके हैं। साथ ही 70 साल से अधिक उम्र की जरूरतमंद महिलाओं को अपनी मां के समान मानते हुए, अपनी मां के नाम पर चला जा रहे भीमा केयर फाउंडेशन के जरिए मदद करेंगे।
*हाउस ऑफ हिमालयाज की तारीफ*
सिंगापुर से आई मंडला ग्लोबल की संस्थापक मीनाक्षी अरोड़ा डबराल ने कहा कि वो अपने ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर उत्तराखंड की महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयार किए गए हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड की तारीफ करते हुए, कहा कि इसमें सभी उत्पाद उच्च गुणवत्ता के हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विश्व खाद्य श्रंखला में अहम भूमिका निभा सकता है। वो उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की सप्लाई सिंगापुर में करती हैं।
*मेक इन उत्तराखंड*
उत्तराखंड में ही एआई आधारित स्टॉर्टअप संचालित करने वाले कुनाल उनियाल ने कहा कि वो लंदन से वापस आकर, उत्तराखंड से ही एआई आधारित शिपिंग ट्रांसपोर्ट स्टॉर्ट अप संचालित कर रहे हैं। इसके लिए कई निवेशक भी उत्तराखंड आए हैं, उन्होंने कहा कि हम मेक इंडिया, मेक इन उत्तराखंड के नारे पर चलते हुए काम कर रहे हैं।
गुनसोला हाइड्रो पावर जनरेशन के राजेश गुनसोला ने बताया कि वो टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार में हाइड्रो प्रोजेक्ट संचालित कर रहे हैं, जिसमें 50 लोग रोजगार पा रहे हैं। अब वो विनयखाल में सोलर प्रोजेक्ट में भी शुरु करने जा रहे हैं। सोलर प्लांट के क्षेत्र में कंसलटेंट अमन जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ सोलर ऊर्जा के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ ही निवेश के लिए कई प्रयास कर ही है। इसी क्रम में जल्द जियो थर्मल और ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी भी तैयार हो रही है। सत्र का संचालन आयुक्त उद्योग प्रतीक जैन ने किया।
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[1/12, 6:17 PM] रवि विजारनिया Pahadon Ki Goonj: अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन – तृतीय सत्र
विदेशों में रोजगार अवसरों का लाभ उठाएं उत्तराखंड के युवा
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के तीसरे सत्र में कौशल विकास और विदेश में रोजगार की संभावना पर विचार विमर्श किया गया।
उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सत्र की विषय वस्तु रखते हुए बताया कि सरकार उत्तराखंड के युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगार परख कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में नई शिक्षा नीति भी लागू कर दी गई है। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम, में हेड एकेडमिक क्वालिटी प्रोफेसर डॉ ज्योत्सना घिल्डियाल बिजल्वाण ने कहा कि हमारे युवा आज भी उच्च शिक्षा के लिए बाहर जा रहे हैं, यह एक तरह से प्रतिभा पलायन है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा में आगे होने के बावजूद, हमारे युवा भाषा के स्तर पर पिछड़ रहे हैं, साथ ही हमारे शिक्षण संस्थान अब भी ग्लोबल स्टैंडर्ड से पीछे हैं। इसे ठीक किया जाना होगा। आईआईटी दिल्ली के प्रो एसके साहा ने कहा कि तकनीकी का प्रयोग, गांवों के विकास में किया जाना चाहिए। ब्रिटिश यूनिवर्सिटी वियतनाम में एआई के प्रोफेसर अंचित बिजल्वाण ने कहा कि ज्यादातर विदेशी शिक्षण संस्थान प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण करवा रहे हैं, भारत में भी शिक्षण प्रणाली को बदलना होगा।
विदेश के नियम कायदें भी बताएं
यूएई से आए प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत ने कहा कि विदेश में रोजगार के लिए स्किल के साथ ही युवाओं को संबंधित देश के नियम कायदों की भी सही जानकारी देनी चाहिए। खासकर जालसाजों के जरिए, विदेश जाने की प्रवृत्ति के खतरों के प्रति हमें लोगों को उजागर करना होगा। कौशल विकास विभाग में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की कॉर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। इसके तहत जापान में कई युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा चुका है। अब जर्मनी ओर ब्रिटेन में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के डॉ अमित दिवेदी ने कहा कि संस्थान युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए हर तरह से प्रशिक्षण और सहायता दे रहा है।
स्टार्टअप में निवेश करें प्रवासी
आईआईटी रुड़की के प्रो. आजम खान ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए बहुत संभावना हैं। इसमें प्रवासी समुदाय मदद कर सकता है। खासकर स्टार्टअप के मैंटोरशिप में प्रवासी मददगार हो सकते हैं सनफौक्स टेक्नोलॉजी के सह संस्थापक रजत जैन ने कहा कि उत्तराखंड में स्टार्टअप के लिए शानदार ईको सिस्टम है, युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। सत्र का संचालन दून विवि की वीसी प्रो सुरेखा डंगवाल ने किया।
