रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से बदलेगा तराई-भाबर का स्वास्थ्य परिदृश्य, सिडकुल कर्मियों को मिलेगा सीधा लाभ
देहरादून/रुद्रपुर, 23 दिसंबर।
उत्तराखंड ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए धामी सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर को 300 बेड के चिकित्सालय एवं 100 एमबीबीएस सीटों की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सशक्त मार्गदर्शन तथा चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों में लिया गया यह निर्णय तराई-भाबर क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे को नई मजबूती देगा।
राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर के संचालन से उधमसिंहनगर जनपद के साथ-साथ सीमांत, ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लाखों लोगों को सुलभ, आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह संस्थान न केवल बेहतर उपचार सुविधाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि चिकित्सा शिक्षा, जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों, आपदा प्रबंधन और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
300 बेड चिकित्सालय के संचालन से क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। मरीजों को जांच, उपचार और देखभाल की बेहतर व्यवस्थाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी, जिससे इलाज की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होगा।
24×7 आपातकालीन एवं गंभीर रोगों का उपचार
मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होने से दुर्घटना, गंभीर बीमारी और जटिल मामलों में त्वरित उपचार संभव हो सकेगा। इससे मरीजों को समय पर राहत मिलेगी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी उपलब्धता
विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी तैनाती से अब मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों या अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
सिडकुल क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से सिडकुल क्षेत्र में कार्यरत सैकड़ों श्रमिकों और कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। दुर्घटना या आपात स्थिति में अब उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी।
सीमांत, ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों को सीधा लाभ
दो राज्यों के सीमांत क्षेत्र में स्थित होने के कारण पहले मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था। मेडिकल कॉलेज के संचालन से यह समस्या काफी हद तक समाप्त होगी और सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।
जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों और आपदा प्रबंधन को मजबूती
टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, संक्रामक रोग नियंत्रण जैसे जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी। आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी चिकित्सा प्रतिक्रिया भी संभव होगी।
चिकित्सा शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा
हर वर्ष 100 एमबीबीएस सीटों की उपलब्धता से राज्य और देश के विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी और फिजियोथेरेपी जैसे सहबद्ध संस्थानों की स्थापना से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे पलायन पर भी रोक लगेगी।
स्वास्थ्य सचिव का बयान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का संचालन उत्तराखंड के स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा देगा। इससे सीमांत, ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को समय पर बेहतर उपचार मिलेगा तथा चिकित्सा शिक्षा, जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों और आपदा प्रबंधन में राज्य की क्षमता सशक्त होगी।








