मुख्यमंत्री धामी ने किया 1.20 करोड़ की 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण, 1 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास

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‘Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class’ से अब गांवों में होगी जेईई-नीट की तैयारी
‘सरस आजीविका मेला’ में मुख्यमंत्री ने किया स्वदेशी उत्पादों को अपनाने व मातृशक्ति को सशक्त बनाने का आह्वान

ऋषिकेश 6 अक्टूबर


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में आयोजित ’’सरस आजीविका मेले’’ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सी.एल.एफ. (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) हेतु 1.20 करोड़ रुपये की 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण तथा 10 अन्य सी.एल.एफ. के लिए 1 करोड़ रुपये की प्रस्तावित आर्थिक गतिविधियों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class’ का शुभारंभ किया। इस पहल से अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के युवा अपने घर-गांव में रहकर ही जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने मेले में ग्राम्य विकास विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ’ग्रामोत्थान परियोजना’ के अंतर्गत की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मेला ग्रामीण संस्कृति, कौशल और उद्यमिता को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का मंच है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ’’सरस आजीविका मेला’’ न केवल ग्रामीण उत्पादों के प्रदर्शन का मंच है, बल्कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’’आत्मनिर्भर भारत’’ और ’’वोकल फॉर लोकल’’ के मंत्र को साकार करने का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि ’’जब हम स्वदेशी उत्पाद खरीदते हैं, तो हम सिर्फ एक वस्तु नहीं खरीदते, बल्कि ग्रामीण कारीगरों और मातृशक्ति के सपनों में निवेश करते हैं।’’

मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वदेशी उत्पाद अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के साथ स्थानीय उद्यमियों, किसानों और शिल्पकारों की आजीविका को भी सुरक्षित करता है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ‘लखपति दीदी योजना’ के तहत अब तक राज्य की 1.65 लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं, वहीं ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के तहत महिला उद्यमियों ने लगभग 5.5 करोड़ रुपये का विपणन कर नई मिसाल कायम की है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद अब वैश्विक बाजार तक पहुंच रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में 68 हजार स्वयं सहायता समूहों से 5 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘महिला किसान सशक्तिकरण योजना’ और ‘फार्म लाइवलीहुड’ के माध्यम से राज्य की 3 लाख से अधिक महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य चल रहा है। अब तक 2.5 लाख किचन गार्डन स्थापित किए जा चुके हैं और 500 से अधिक फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की मातृशक्ति आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही है, जो इस सरस मेले में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं, ग्रामीण उद्यमी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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