देहरादून, 25 सितम्बर।
श्री गुरु नानक मैदान रेसकोर्स में चल रहे भव्य रामलीला महोत्सव 2025 के चौथे दिन दशरथ–कैकई संवाद और बनवास लीला का मंचन किया गया। कैकई द्वारा राजा दशरथ से वरदान स्वरूप भरत को राजगद्दी और श्रीराम को वनवास मांगने का दृश्य इतना जीवंत रहा कि दर्शक भाव-विभोर हो उठे। वहीं भरत व शत्रुघ्न के अयोध्या लौटकर कैकई के वर का विरोध करने वाले प्रसंग ने भी उपस्थित जनमानस को गहराई से छू लिया।
इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक बृजभूषण गैरोला, लोकगायक सौरभ मैठाणी, कांग्रेस नेता वैभव वालिया, दून वैली व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मैसोन, सुशील अग्रवाल, विशाल गुप्ता, पार्षद कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता सहित समिति के पदाधिकारी व अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
गढ़वाल की ऐतिहासिक परंपरा का पुनर्जीवन
“श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952” द्वारा आयोजित यह रामलीला मूलतः पुरानी टिहरी की धरोहर है, जिसे टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में भव्य रूप से पुनर्जीवित किया गया है। 2024 में आयोजित रामलीला को 55 लाख से अधिक दर्शकों ने विभिन्न माध्यमों से देखा था।
इस वर्ष विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेज़र और साउंड शो का आयोजन किया जा रहा है, जिससे गढ़वाल की ऐतिहासिक गाथाओं को जीवंत रूप मिलेगा। साथ ही डिजिटल लाइव टेलीकास्ट सिस्टम के माध्यम से मंचन को 75 लाख से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने की तैयारी की गई है।
सांस्कृतिक धरोहर का संगम
रामलीला मंचन के साथ उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। इसमें प्रदेशभर से आए कलाकार अपनी कला की छटा बिखेरेंगे। भजन संध्या और पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी महोत्सव का हिस्सा हैं।
आगामी विशेष कार्यक्रम
महोत्सव के अंतर्गत 2 अक्टूबर को रावण, कुंभकरण, मेघनाथ और लंका के पुतलों का पारंपरिक दहन किया जाएगा। साथ ही भव्य मेला और कलश यात्रा का आयोजन भी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण होंगे।
जय श्रीराम के उद्घोष से गूंजा मैदान
पूरा गुरु नानक मैदान “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा और चौथे दिन का यह मंचन दर्शकों के लिए अविस्मरणीय बन गया।
