शहीदों की शौर्यगाथा और बलिदान हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे : मुख्यमंत्री
देहरादून, 25 सितम्बर।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को शहीद राइफल मैन नरेश कुमार के गुजराड़ा मानसिंह, सहस्त्रधारा रोड स्थित आवास से शहीद सम्मान यात्रा–2 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने शहीद के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा शहीद परिवार से भेंट कर उनके आंगन की मिट्टी संग्रहित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन अमर बलिदानियों को समर्पित है, जिनके शौर्य और बलिदान की गाथाएं सदैव नई पीढ़ी को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि हमारे वीर जवानों के त्याग और पराक्रम के कारण ही देशवासी सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।
शहीद परिवारों के लिए कल्याणकारी पहल
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि शहीद परिवारों के हित में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
वर्ष 2018 से अब तक 28 शहीद आश्रितों को योग्यता अनुसार नियुक्ति दी जा चुकी है, 13 की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है।
एकमुश्त अनुग्रह अनुदान को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है।
परमवीर चक्र अलंकृत सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली राशि 50 लाख से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये कर दी गई है।
पूर्व सैनिकों को ब्लॉक प्रतिनिधि मानदेय अब 10,000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुनियाल गांव, देहरादून में निर्माणाधीन सैन्य धाम में प्रदेश के सभी शहीद सैनिकों के घर–आंगन की पवित्र मिट्टी स्थापित की जा रही है।
4 अक्टूबर तक चलेगी यात्रा
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि 25 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी शहीद परिवारों से आंगन की पवित्र मिट्टी एकत्र करेंगे। 5 अक्टूबर को लैंसडाउन में भव्य सैनिक सम्मान समारोह आयोजित होगा, जिसमें शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सैन्यधाम निर्माण से पूर्व प्रदेश के 1734 शहीदों के घर–आंगन की मिट्टी पहले ही संग्रहित की जा चुकी है। वर्ष 2021 से शहीद सम्मान की यह परंपरा प्रारम्भ हुई, जिसमें ताम्रपत्र भेंट किए गए। अब शहीद सम्मान यात्रा–2 के अंतर्गत 71 वीर सैनिकों के सम्मान में यह आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम मे मेजर जनरल (सेनि) सम्मी सभरवाल, कैप्टन (सेनि) उमादत्त जोशी, कर्नल (वेटरन) आदित्य श्रीवास्तव, सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक बिग्रेडियर (सेनि) अमृत लाल, कैप्टन (सेनि) आनन्द राणा सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
