पेपर लीक मामले में कोचिंग सेंटर्स की भूमिका की जांच क्यों नहींः मोर्चा

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फंडिंग पर उठाए सवाल, सरकार को दी चेतावनी

देहरादून 22 सितंबर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद पेपर का लीक होना कहीं न कहीं कोचिंग सेंटर्स की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इन कोचिंग सेंटर्स का बेरोजगार आंदोलनों से क्या लेना-देना है और फंडिंग करने के पीछे उनकी मंशा क्या थी।

नेगी ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन देहरादून एसएसपी दिलीप कुंवर भी बेरोजगार आंदोलन में हुई पत्थरबाजी व फंडिंग की बात स्वीकार कर चुके हैं। ऐसे में संदेह जताया जा सकता है कि किसी कोचिंग सेंटर्स द्वारा यह हरकत की गई हो। इसके बावजूद इनकी भूमिका की जांच नहीं होना कई सवाल खड़े करता है।

मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार व पुलिस महानिदेशक से इस महत्वपूर्ण मामले में बार-बार मांग करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पेपर लीक प्रकरण में कई लोग जेल जा चुके हैं, ऐसे में कोचिंग सेंटर्स और फंडिंग बाजों की भूमिका की गहन जांच जरूरी है।

नेगी ने बेरोजगार युवाओं की पीड़ा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिन-रात पढ़कर तैयारी करने वाले युवा कब तक छले जाते रहेंगे। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि अगर इस तरह की फंडिंग और सांठगांठ जारी रही तो प्रदेश अराजकता की ओर बढ़ जाएगा।

मोर्चा ने पुनः मांग की कि पेपर लीक मामले और पूर्व में हुए बेरोजगार फंडिंग प्रकरण में कोचिंग सेंटर्स की भूमिका की जांच कराई जाए।पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह उपस्थित रहे।

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