
देहरादून 16 सितंबर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेशभर के निजी विद्यालय प्रबंधनों पर थोपे जा रहे लेबर सैस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
नेगी ने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा विद्यालय प्रबंधनों को विद्यालय भवन की लागत का एक फ़ीसदी लेबर सैस (श्रम उपकर) जमा कराने हेतु नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जबकि यह सैस भवन की लागत नहीं, बल्कि भवन निर्माण में लगे वास्तविक लेबर खर्च पर लिया जाना चाहिए था।
उदाहरण देते हुए नेगी ने कहा कि यदि कोई भवन ₹1000 में तैयार हुआ और उसमें ₹150 लेबर खर्च आया, तो तर्कसंगत रूप से ₹150 पर एक फ़ीसदी यानी ₹1.50 का सैस लगना चाहिए था। किंतु वर्तमान व्यवस्था के तहत भवन की कुल लागत पर एक फ़ीसदी यानी ₹10 वसूला जा रहा है। यह सीधे-सीधे लेबर टैक्स न होकर भवन टैक्स जैसा प्रतीत होता है।
उन्होंने कहा कि ₹17,500 प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स निर्धारित कर दिया गया है, जो विद्यालयों पर सीधा अतिरिक्त बोझ है। इस टैक्स का बोझ अंततः छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों पर पड़ेगा, जिससे शिक्षा महंगी होगी।
नेगी ने इसे जजिया कर की संज्ञा देते हुए कहा कि अस्पतालों व अन्य संस्थानों पर भी इसी प्रकार का टैक्स लगाए जाने की सूचना है। टैक्स पर टैक्स लगाना जनता पर अनुचित बोझ डालने जैसा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।








