हिमालय संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है सरकार : मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून, 09 सितम्बर।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय संरक्षण केवल सरकार का नहीं बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग और मार्गदर्शन में हिमालय संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

मंगलवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित हिमालय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमालय केवल पर्वत शृंखलाओं का समूह नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्रोत है। इसकी नदियां करोड़ों लोगों की प्यास बुझाती हैं और दुर्लभ जड़ी-बूटियां आयुर्वेद का आधार हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से यह धरोहर खतरे में है।

उन्होंने कहा कि क्लाउडबर्स्ट और भूस्खलन जैसी आपदाओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके समाधान के लिए वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों के बीच समन्वय आवश्यक है। इसी क्रम में राज्य में नवंबर में विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, ग्लेशियर रिसर्च सेंटर, जल स्रोत संरक्षण अभियान और जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से हिमालय के दीर्घकालिक संरक्षण पर काम कर रही है। प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन हेतु शुरू किए गए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम से अब तक 72 टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। उन्होंने “सस्टेनेबल टूरिज्म” को बढ़ावा देने की जरूरत पर भी बल दिया।

इस अवसर पर पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने हिमालयी क्षेत्र में बढ़ती आपदाओं पर चिंता जताते हुए नए दृष्टिकोण से सोचने की बात कही। कार्यक्रम में विधायक किशोर उपाध्याय, मेयर सौरभ थपलियाल, दर्जाधारी मधु भट्ट, यूकॉस्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना सहित अनेक लोग मौजूद रहे ।

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