ग्रामीण कच्ची व तालाब नुमा सड़क पर चलने को मजबूर

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आजादी के 77 साल बाद भी गुलामी जैसी जिंदगी
केसरवाला गांव की भूमि पर सेना का विवादित कब्जा

देहरादून 4 अगस्त। रायपुर विकासखंड का सैकड़ो वर्ष पुराना गांव केसरवाला (वर्तमान में नगर निगम में शामिल) में सेना द्वारा नॉन जेड ए भूमि पर लगभग 100-120 वर्ष से नाजायज कब्जा किए जाने एवं ग्रामीणों को मूलभूत सुख -सुविधाओं, सड़क आदि से वंचित रखने, अड़चन पैदा करने से आक्रोशित होकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी अपने साथियों के साथ ग्रामीणों के बीच पहुंचे एवं प्रगतिशील ग्राम विकास समिति के पदाधिकारियों को साथ लेकर सड़क का निरीक्षण किया।
नेगी ने कहा कि उक्त आबादी को जोड़ने वाली सड़क जोकि सेना द्वारा अपने स्वामित्व की बताई जाती है, मौके पर दस्तावेजों को परखा एवं सड़क का निरीक्षण किया, जिसमें कहीं भी सेना के स्वामित्व का उल्लेख नहीं है यानि माल कागजात में सेना का नाम दर्ज नहीं है। जैसा कि राजस्व विभाग भी बता रहा है।
सेना द्वारा वर्ष 1904 में 972.22 एकड़ तथा 1940 में 244.139 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी तथा शेष भूमि आज भी किसानों के नाम माल कागजात में दर्ज है। इसी भूमि पर जो किसानों के नाम दर्ज है, उस पर नाजायज कब्जा जमाया जा रहा है।
नेगी ने कहा कि सेना द्वारा बेवजह ग्रामीणों को परेशान किया जाता है, जबकि हैरान करने वाली बात यह है कि सेना के पास अधिग्रहण करने संबंधी कोई दस्तावेज नहीं हैं तथा राजस्व विभाग द्वारा भी उक्त भूमि को सेना की नहीं बताई गई है। सेना के रक्षा संपदा विभाग भी खसरा नंबर 318, 340, 341 के संबंध में 7/6/2012 को स्पष्ट कर चुके हैं कि इन खसरा नंबर के दस्तावेज सेना के पास नहीं हैं। दिनांक 24/5/2024 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समस्त विभागों की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई प्रयास सफल नहीं हो पाया। ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर से हर संभव प्रयास किए गए, लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है जिसके चलते ग्रामीण बहुत परेशान हैं।
नेगी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या को शासन- प्रशासन व मुख्यमंत्री दरबार, न्यायालय तक रखा जाएगा तथा उसका समाधान कराकर ही मोर्चा दम लेगा।
मौके पर सूरत सिंह नेगी, प्रवीण शर्मा पिन्नी, कलम सिंह रावत, प्रेम दत्त चमोली, राजेश मनवाल, रघुवीर सिंह राणा, भानु नेगी, केदार सिंह नेगी, स्वरूप सिंह पंवार, भगत सिंह नेगी, मंगला पंवार ,सोबती चमोली, सावित्री नेगी, मंजू नेगी, रजनी चमोली, कुसुम चमोली, प्रभा मनवाल, महेंद्र सिंह कंडारी, सूरज रमोला, तोताराम चमोली, प्यारेलाल चमोली, विपिन चमोला आदि शामिल थे।

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