देहरादून।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत राज्य गुणवत्ता समन्वयकों की एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला में ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता सुधार से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और आगामी पीएमजीएसवाई-4 कार्यों में अपनाई जाने वाली स्टेज पासिंग व्यवस्था पर विशेष फोकस रहा।
इस नई व्यवस्था के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य को चार चरणों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक चरण को आगे बढ़ाने से पूर्व संबंधित चरण की स्वीकृति प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन यूनिट से अनिवार्य रूप से प्राप्त करनी होगी। यह प्रणाली निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
इस अवसर पर भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य द्वारा गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि स्टेज पासिंग जैसी प्रणाली कार्यों में पारदर्शिता और गुणवता सुनिश्चित करने में प्रभावी सिद्ध होगी।कार्यशाला के दौरान इस स्टेज पासिंग प्रणाली के लिए विकसित किए जा रहे मोबाइल एप का डेमो भी प्रस्तुत किया गया, जिससे इस प्रणाली के क्रियान्वयन में तकनीकी सहूलियत प्रदान होगी।
कार्यक्रम में अमित शुक्ला, संयुक्त सचिव (आरसी) एवं महानिदेशक, एनआरआईडीए ने बताया कि पीएमजीएसवाई कार्यों में गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और यह नई प्रणाली मौजूदा गुणवत्ता तंत्र को और अधिक सुदृढ करेगी। सचिव ग्रामीण विकास विभाग राधिका झा ने यूआरआरडीएद्वारा विकसित निरीक्षण एप की जानकारी दी, जिसके माध्यम से जूनियर इंजीनियर से लेकर मुख्य अभियंता स्तर तक की निरीक्षण गतिविधियों की निगरानी की जा सकेगी। उन्होंने भारत सरकार को आश्वस्त किया कि उत्तराखंड राज्य अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर डॉ. आई. के. पाटेरिया, निदेशक (पी-III), एनआरआईडीए भी अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे तथा पीएमजीएसवाई में गुणवत्ता निगरानी प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी।कार्यशाला में हिमांशु खुराना, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूआरआरडीए एवं एस. के. पाठक, मुख्य अभियंता, यूआरआरडीए सहित देशभर से आए राज्य गुणवता समन्वयकों ने भाग लिया और गुणवता के मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यशाला ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विकास एवं प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुई है, बल्कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत गुणवता आश्वासन प्रणालीको और अधिक मजबूत करने में भी सहायक होगी।
