केदारनाथ आपदा पर सरकार लगातार कर रही गुमराह- सूर्यकांत धस्माना 

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यात्रियों के आंकड़े बड़ाने के फेर में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही राज्य सरकार

 

केदारनाथ आपदा पर सरकार लगातार कर रही गुमराह- सूर्यकांत धस्माना ।

देहरादून: चार धाम यात्रा में यात्रियों की संख्या के आंकड़ों को बड़ा चढ़ा कर दिखा अपनी पीठ थपथपाने के चक्कर में आपदा ग्रस्त केदार घाटी में बड़ी संख्या में यात्रियों को भेज उनकी जान खतरे में डाली जा रही है यह आरोप राज्य सरकार पर लगाते हुए आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में दोपहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाए । उन्होंने कहा की राज्य सरकार के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण बीते १५ जून से अब तक चार धाम यात्रा में ६७ लोगों की जान चली गई ३२ लोग घायल हुए और २२ अभी भी गायब बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आंकड़ों को भी छुपा रही है और वास्तविक जन हानी नहीं बता रही है क्योंकि बीती ३१ जुलाई को जब केदार घाटी में आपदा आई थी इस समय कांवड़ यात्रा अपने चरम पर थी और बड़ी संख्या में कांवड़िए केदार धाम पहुंचे थे जिनका पंजीकरण हो नहीं था और ३१ जुलाई को आई आपदा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जो कांवड़िए थे उसकी चपेट में आए थे किंतु सरकार ने आज तक लापता लोगों का सही आंकड़ा पेश नहीं किया। श्री धस्माना ने कहा कि जब अभी केदारनाथ समेत चार धाम के रास्ते लोगों के लिए सुरक्षित नहीं हैं और वहां रोजाना कोई ना कोई घटना घट रही है तब सरकार यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बता यात्रियों को बड़ी संख्या में आने के लिए प्रेरित क्यों कर रही है। श्री धस्माना ने कहा कि वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार को किसी यात्री की जान माल की सुरक्षा का कोई लेना देना नही है बल्कि किस तरह यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या बताई जा सके इस पर पूरा ध्यान है और उसका नतीजा यह है कि श्रद्धालु सरकार के सुरक्षित यात्रा के प्रचार से प्रभावित हो कर यात्रा में आ रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे है। श्री धस्माना ने कहा कि सरकार को चारों धामों के रूटों की असली तस्वीर लोगों के सामने रखनी चाहिए और यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित हो जाने तक सीमित संख्या में हो यात्रियों को यात्रा की अनुमति देनी चाहिये।

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