विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर मुख्यमंत्री का संदेश: समानता, सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में उत्तराखंड अग्रसर

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देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, देहरादून में विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया तथा विभिन्न विभागीय एवं सामाजिक स्टालों का अवलोकन किया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित मुस्लिम महिलाओं ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को एक भाई के रूप में बताते हुए कहा कि वे प्रदेश के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय के हित में निरंतर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस भारत की एकता, अखंडता और मौलिक कर्तव्यों को स्मरण करने का अवसर है। भारतीय संस्कृति में सदियों से समानता, भाईचारे और सभी धर्मों के प्रति सम्मान की परंपरा रही है। विविध भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं के बावजूद भारत की पहचान “वसुधैव कुटुम्बकम” के सिद्धांत से जुड़ी रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र के साथ सभी समुदायों को आगे बढ़ाया जा रहा है। जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है। साथ ही करतारपुर साहिब कॉरिडोर, जियो पारसी योजना, बौद्ध सर्किट का विकास, जैन अध्ययन केंद्र की स्थापना, हज यात्रा प्रक्रिया का डिजिटलीकरण और तीन तलाक जैसी कुप्रथा का अंत जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, आईटीआई, स्वास्थ्य केंद्र और कौशल विकास संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। वक़्फ़ कानूनों में सुधार कर वक़्फ़ संपत्तियों को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया गया है, ताकि उनका लाभ समाज के जरूरतमंद वर्ग तक पहुंचे।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। साथ ही पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से किए वादे के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में देश को नई राह दिखाई गई है

मुख्यमंत्री ने बताया कि अल्पसंख्यक विकास निधि के अंतर्गत प्रतिवर्ष 4 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री हुनर योजना से रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना के तहत 25 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 10 लाख रुपये तक का ऋण तथा मौलाना आज़ाद एजुकेशन ऋण योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त शिक्षा ऋण दिया जा रहा है। पिछले चार वर्षों में इस योजना से 169 लाभार्थियों को 4 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून प्रदेश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों—सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी और मुस्लिम—को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के समान अवसर प्रदान करता है। इसके अंतर्गत मदरसों सहित सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा के साथ राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम अनिवार्य किया गया है।

उन्होंने कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून के माध्यम से सभी धर्मों की स्वायत्तता की रक्षा सुनिश्चित की गई है, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे। मुख्यमंत्री ने विश्व के अन्य देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष  फरजाना बेगम, पद्मश्री डॉ. आर.के. जैन,  हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष श्री शादाब शम्स सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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