दून समृद्धि ग्रुप ऑफ कंपनी पर 50 करोड़ की ठगी का आरोप, सरकारी शिक्षक बताया गया मास्टरमाइंड
देहरादून।
दून समृद्धि ग्रुप ऑफ कंपनी के माध्यम से पचास करोड़ रुपये की ठगी की शिकार महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि कंपनी ने राज्यभर के करीब 15,000 से अधिक लोगों से विभिन्न निवेश योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की है।
धस्माना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस पूरे घोटाले का मुख्य सूत्रधार सरकारी शिक्षक जगमोहन चौहान है, जो बांसगाड़ (मसूरी) में प्राथमिक विद्यालय में तैनात था। उन्होंने अपनी पत्नी नीलम चौहान और पुत्री आशा चौहान के नाम पर “दून समृद्धि ग्रुप ऑफ कंपनीज” नामक चिट फंड कंपनी पंजीकृत की, जिसमें नीलम चौहान प्रबंध निदेशक और आशा चौहान निदेशक बताई जा रही हैं।
कंपनी ने देहरादून, विकासनगर, भणियावाला, रानीपोखरी, टिहरी, चंबा, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी समेत कई स्थानों पर शाखाएँ खोली थीं और सैकड़ों एजेंटों को नियुक्त किया गया था, जो विभिन्न स्कीमों के नाम पर आम लोगों से धन एकत्र कर रहे थे।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, लगभग 16,000 खाताधारकों का करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक कंपनी में जमा है, जिनकी मैच्योरिटी पूरी होने पर भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया। जब खाताधारकों ने पैसा वापस मांगा तो कंपनी प्रबंधन ने टालमटोल की और बाद में फोन बंद कर फरार हो गए। इस संबंध में पीड़ितों और एजेंटों ने थाना नेहरू कॉलोनी व देहरादून एसएसपी को शिकायत दर्ज कराई है।
धस्माना ने कहा कि यह प्रकरण राज्य में बढ़ते आर्थिक अपराधों का बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “एल्यूसिसी घोटाले के बाद यह दूसरा बड़ा घोटाला है, जिससे स्पष्ट है कि अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है। पूरे प्रदेश में ठगों, पेपर लीक माफियाओं, भू-माफियाओं और महिलाओं पर हिंसा करने वालों का हौसला बुलंद है, जबकि प्रशासन सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा।”
उन्होंने बताया कि वे इस ठगी प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से मुलाकात करेंगे।
