स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत बड़ा स्वास्थ्य कवरेज
देहरादून, 30 सितम्बर।
प्रदेशभर में चल रहे स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 80 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की जा चुकी है। इन जांचों के माध्यम से न केवल गर्भस्थ शिशु और मां के स्वास्थ्य का आकलन किया गया बल्कि उच्च जोखिम वाले मामलों की पहचान कर उन्हें विशेष चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 80,515 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई है। इनमें देहरादून की 15,728, हरिद्वार की 14,472, ऊधमसिंह नगर की 21,509, नैनीताल की 7,853, टिहरी की 4,650, पौड़ी की 2,375, उत्तरकाशी की 2,556, चमोली की 2,285, अल्मोड़ा की 2,195, पिथौरागढ़ की 2,067, रुद्रप्रयाग की 1,936, चम्पावत की 1,758 और बागेश्वर की 1,131 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
शिविरों में महिलाओं की उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एचआईवी, यूरीन, वजन और अन्य जरूरी जांचें की गईं। विशेष ध्यान उन महिलाओं पर दिया गया जो उच्च जोखिम गर्भधारण की श्रेणी में आती हैं, जैसे—पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ हो, पूर्व में गर्भपात या मृत शिशु का जन्म हुआ हो, गंभीर एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हों।
इस दौरान डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार लेने, हरी सब्जियां, दूध, सोयाबीन, फल, चना और गुड़ का सेवन बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही एनीमिक महिलाओं को आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां वितरित की गईं।
राज्य सरकार का मानना है कि संस्थागत प्रसव और समय पर एएनसी जांच से मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलती है। इसी उद्देश्य से एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा,
“स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत 80 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच की गई है। गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच बेहद जरूरी है, इससे मां और बच्चे की सेहत का पता चलता है और संभावित जोखिम से समय रहते बचाव किया जा सकता है।”
