
हरिद्वार, 18 सितंबर ।जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूसीएलएनएमसी) की वैज्ञानिक टीम ने शुक्रवार को हरिद्वार के भीमगोड़ा क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन की समस्या का समाधान तलाशना और इसके उचित प्रबंधन की योजना तैयार करना रहा।
निरीक्षण के दौरान सीनियर भूवैज्ञानिक डॉ. रुचिका टेंडन ने बताया कि भीमगोड़ा क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है। यहां की पहाड़ियां मड स्टोन और रॉक संरचना की बनी होने के कारण काफी कमजोर हैं, जिसके चलते बार-बार भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पत्थरों का परीक्षण कराया जाएगा और परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही भूस्खलन प्रबंधन की ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
डॉ. टेंडन ने यह भी आश्वस्त किया कि जल्द ही जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी जाएगी। इसके बाद वन विभाग, रेलवे, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर उपचारात्मक योजना (ट्रीटमेंट प्लान) लागू की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान भूवैज्ञानिक डॉ. रघुबीर, उप निदेशक राजाजी पार्क अजेय नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक कुमार, सहायक अभियंता गणेश जोशी, रेंजर वीरेंद्र तिवारी, चौकी इंचार्ज हरकी पैड़ी संजीत कंडारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।









