लोहाघाट। खेतीखान के तपनीपाल गांव के छत्तर सिंह बोहरा की 20 वर्षीय बेटी मुस्कान के चेहरे में आज वास्तविक तौर पर आई मुस्कान को देखकर धर्मार्थ चिकित्सालय के डॉक्टर हतप्रत होकर मुस्कुराने लगे। दरअसल पित्त की थैली में पथरी से परेशान इस छात्रा मुस्कान की मुस्कान को ही लील लिया था। घर की परिस्थितिया इस ऑपरेशन के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रही थी तथा दर्द को सहना ही इसकी नियति बन चुकी थी। गत वर्ष जब मुस्कान को पता चला कि धर्मार्थ चिकित्सालय मायावती में पहली बार लेप्रोस्कोपिक पद्यति से पित्त की थैली के ऑपरेशन के लिए इंग्लैंड से डॉ कृष्ण सिंह आ रहे हैं तो वह अस्पताल गई तो डॉ कृष्ण सिंह के नेतृत्व में लखनऊ से आए डॉ नीरज द्विवेदी एवं पांडिचेरी से आए डॉ डी एस दुबे की टीम ने यहां पित्त की थैली से पथरी निकालने का पहला सफल ऑपरेशन किया।
एक साल बाद पुनः डॉ सिंह के इंग्लैंड से यहां आने की सूचना मिलने पर मुस्कान यहां के चिकित्सा प्रभारी स्वामी एकदेवानंद जी महाराज, डॉ कृष्ण सिंह, डॉ नीरज द्विवेदी एवं पांडिचेरी से आए डॉ डी एस दुबे के प्रति आभार जताने के लिए के लिए आई हुई थी। उसने सभी के चरण स्पर्श कर उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि ऑपरेशन के बाद वह अब पूर्ण स्वस्थ है। डॉक्टरों ने उसे अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें इस बात की प्रसन्नता है कि यहां हमारे द्वारा किया गया पहला ऑपरेशन पूर्ण सफल रहा। इधर आज से धर्मार्थ चिकित्सालय में लेप्रोस्कॉपीक विधि से पित्त की थैली से पथरी निकालने का शिविर शुरू हो गया है। प्रथम दिन एक दर्जन रोगियों द्वारा अपना पंजीकरण कराया गया जिनकी विभिन्न प्रकार की जांचे की जा रही है तथा बृहस्पतिवार को उनके ऑपरेशन किए जाएंगे। चिकित्सालय के प्रभारी स्वामी एकदेवानंद जी महाराज के अनुसार लैप्रोस्कोपिक ऑपरेशन के लिए यहां सभी आवश्यक व्यवस्थाये की जा चुकी है।
