चम्पावत। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मानवाधिकार एवं राज्य विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। राजनीति विज्ञान परिषद एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य डॉक्टर अपराजिता ने कहा कि आज का दिन हर मानव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 10 दिसम्बर 1948 में मानव को गरिमा के साथ जीने के लिए विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की घोषणा हुईl इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एवं राजनीति विज्ञान परिषद के डॉ प्रकाश लखेड़ा ने कहा कि प्राचीन वेदों में मानव मूल्यों की परिकल्पना ‘असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय। के रूप में किया गया है l आज आधुनिक युग में पाश्चात्य देशों ने लम्बे संघर्ष के बाद आज ही के दिन सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कानूनी एवं संवैधानिक आधार का जामा पहनाया lविशिष्ठ अतिथि कार्यक्रम के सहसंयोजक वरिष्ठ पत्रकार राजीव मुरारी ने कहा कि माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अन्तर्गत देश में हर राज्य व जिले में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करती आई है तथा माननीय न्यायालयों द्वारा शोषितों को न्याय दिलाने की दिशा में कार्य करती आ रही हैl कार्यक्रम के अंत में डॉ.रुचिर जोशी ने मानवाधिकार की रक्षा के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों की सराहना करते हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया । कार्यक्रम में डॉ. बृजेश ओली, डॉ. किशोर जोशी, डॉ. दिनेश व्यास, डॉ. एस पी सिंह, डॉ. रवि सनवाल, डॉ. सीमा नेगी, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. नीरज काण्डपाल, डॉ. स्वाति बिष्ट, डॉ. भगत राम लोहिया, डॉ. दिनेश राम, श्री मुकेश भट्ट, श्रीमती चंद्रा जोशी, भावना खर्कवाल, श्री विनोद पाटनी, कमल, नेहा पंत, सुमन, मोनिका, सोनी, कमल भट्ट, सरस्वती, अरुण, शहनवाज, दिया सार्की, बबीता बिष्ट, सुमन समेत दर्जनों छात्र छात्राएं मौजूद थे ।
