वीबी-जी राम जी योजना से ग्रामीण भारत को मिलेगी नई दिशा : गणेश जोशी 125 दिन का गारंटीशुदा रोजगार, हिमालयी राज्यों को विशेष राहत

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देहरादून, 22 दिसम्बर।
प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा है कि “विकसित भारत – रोजगार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण)” अर्थात वीबी-जी राम जी बिल 2025 ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मंत्री जोशी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में विधेयक की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि ग्रामीण रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा समय-समय पर योजनाएं लागू की जाती रही हैं। वर्ष 1989 में जवाहर रोजगार योजना, 2001 में सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना, 2006 में नरेगा और 2009 में मनरेगा लागू की गई। मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिला, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए वीबी-जी राम जी योजना शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि नई योजना के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में स्थायी परिसंपत्ति निर्माण, जल संरक्षण से जुड़े कार्य, ग्रामीण आधारभूत ढांचे का विकास, कृषि एवं आजीविका संवर्धन कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
गणेश जोशी ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू-कश्मीर) के लिए केंद्र एवं राज्य के बीच 90:10 का वित्तीय अनुपात निर्धारित किया गया है। साथ ही, उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक राज्य में रिटेनिंग वॉल (सुरक्षा दीवार) को अनुमन्य कार्यों में शामिल किया गया है।
मंत्री ने कहा कि बुवाई और कटाई जैसे कृषि के व्यस्त समय में राज्य सरकार वर्ष में 60 दिन तक कार्य स्थगित कर सकेगी, ताकि खेती के लिए श्रमिकों की उपलब्धता बनी रहे। जल जीवन मिशन के अंतर्गत सृजित परिसंपत्तियों की मरम्मत एवं रखरखाव भी इसी योजना के तहत किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत राज्य में 10.10 लाख पंजीकृत जॉब कार्ड धारक परिवार, 6.71 लाख सक्रिय परिवार, 16.15 लाख जॉब कार्ड धारक श्रमिक तथा 9.35 लाख सक्रिय श्रमिक शामिल हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना के लिए कुल 1,51,282 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं, जिसमें उत्तराखंड के लिए 840 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और पूर्व में भी योजनाओं के नाम और स्वरूप में बदलाव होते रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि वीबी-जी राम जी योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, आजीविका संवर्धन और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगी। प्रेस वार्ता में सचिव ग्राम्य विकास धीरज सिंह गर्ब्याल और आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल भी उपस्थित रहीं।

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