देहरादून, 03 अक्टूबर।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी समस्या का समाधान तभी माना जाएगा जब शिकायतकर्ता पूरी तरह संतुष्ट होगा।
समीक्षा के दौरान श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, टिहरी की छात्रा साक्षी का मामला सामने आया, जिसमें विवि स्तर से डिग्री उपलब्ध न कराए जाने की शिकायत दर्ज होने के बावजूद समाधान नहीं किया गया था। इस पर नाराज़गी जताते हुए मुख्यमंत्री ने सचिव आईटी और सचिव उच्च शिक्षा को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही छात्रा को एक सप्ताह में डिग्री उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि—
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हेल्प डेस्क बनाई जाएं।
सेवा के अधिकार के अंतर्गत मिलने वाली सेवाओं की सूची कार्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज हो।
बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो।
अधिकारी अपने नोटिस बोर्ड पर यह उल्लेख करें कि किस दिन वे समस्याओं के समाधान हेतु जनता से मिलेंगे।
उन्होंने जिलाधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए और कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों की शिकायतों का समाधान प्राथमिकता पर होना चाहिए। शिकायतों का समयसीमा के भीतर निस्तारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिए कि:
सभी जिलाधिकारी हर सप्ताह, सचिवगण माह में दो बार और मुख्य सचिव हर महीने हेल्पलाइन की समीक्षा करें।
तीन माह से अधिक लंबित मामलों का विशेष अभियान चलाकर निस्तारण किया जाए।
प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय को हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
आपदा से क्षतिग्रस्त लाइनों और सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए।
बैठक में निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार ने हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों और विभागीय कार्यवाही की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन पर सबसे अधिक शिकायतें पेयजल, गृह विभाग और ऊर्जा से संबंधित प्राप्त हो रही हैं।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, विभागाध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी (वर्चुअल माध्यम से) उपस्थित रहे।
