रुड़की, 1 अक्टूबर। ग्रामीण भारत के लिए आवास निर्माण में तकनीकी क्रांति का आगाज़ बुधवार को रुड़की से हुआ। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चन्द्र शेखर ने सीएसआईआर–सीबीआरआई, रुड़की में देश के पहले 3डी कंक्रीट प्रिंटेड ग्रामीण आवास का उद्घाटन किया। इस अवसर को उन्होंने भारत की ग्रामीण आवास यात्रा का “निर्णायक क्षण” बताया, जहाँ “कच्ची दीवारों से 3डी प्रिंटिंग तक” का सफर तय हुआ है।
डॉ. शेखर ने कहा कि यह घर केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि ऐसे भविष्य की प्रतीक हैं जहाँ हर ग्रामीण परिवार को सस्ता, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल घर मिल सकेगा।
पीएम आवास योजना की उपलब्धियाँ
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक 3.85 करोड़ घर स्वीकृत और 2.87 करोड़ पूरे हो चुके हैं। इससे न सिर्फ परिवारों को सुरक्षा और सम्मान मिला है बल्कि स्वतंत्र आकलनों में सामने आया है कि ग्रामीण परिवारों की आय में 17% की वृद्धि और अस्पताल जाने के मामलों में 14% की कमी आई है। उल्लेखनीय है कि 72% घर महिलाओं के नाम पर बने हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला है।
सीबीआरआई की भूमिका
सीबीआरआई के योगदान को सराहते हुए मंत्री ने बताया कि संस्थान ने अब तक 250 क्षेत्र-विशिष्ट आपदा-रोधी डिज़ाइन विकसित किए हैं। साथ ही गैर-क्षरणशील मिट्टी का पलस्तर, कम लागत वाली मजबूती तकनीकें और दो-गड्ढा शौचालय प्रणाली जैसे नवाचारों से 5 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार लाभान्वित हुए हैं।
“रुद्राक्ष” पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम में डॉ. शेखर ने “रुद्राक्ष – उत्तराखंड में ग्रामीण आवास” पुस्तक का भी विमोचन किया, जिसमें उत्तराखंड की जलवायु-संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से जुड़ी आवासीय परंपराओं का संकलन है।
भविष्य की दिशा
डॉ. शेखर ने सीबीआरआई से 100 किफायती 3डी प्रिंटेड घरों का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से तापीय आराम, नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु-रोधी डिज़ाइन और मिस्त्री प्रशिक्षण पर विशेष जोर देने की अपील की।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा, “विकास केवल मकान बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे घर बनाने का है जो रोशनी, गरिमा और आत्मनिर्भरता से भरे हों।”
उद्घाटन समारोह में सीबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईआईटी रुड़की के संकाय सदस्य, ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
