भव्य रामलीला महोत्सव में तकनीकी दृश्य संग केवट लीला और राम–भरत मिलाप का मंचन

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देहरादून, 26 सितम्बर 2025।
देहरादून के श्री गुरु नानक मैदान, रेसकोर्स में आयोजित रामलीला महोत्सव 2025 के पंचम दिवस पर शुक्रवार को केवट लीला और राम–भरत मिलाप का भावनात्मक मंचन किया गया। तकनीक से सुसज्जित नांव–सरयू नदी के दृश्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

1952 से टिहरी की सांस्कृतिक धरोहर रही इस रामलीला को टिहरी जलमग्न होने के बाद अब देहरादून में भव्य रूप से पुनर्जीवित किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने बताया कि मंच पर नांव और बैकग्राउंड स्क्रीन पर सरयू नदी का संयोजन आज की लीला का मुख्य आकर्षण रहा। दर्शक राम–भरत मिलाप के दृश्य से भाव-विभोर हो उठे।

कार्यक्रम को पहाड़ पर्यटन दिवस के रूप में भी मनाया गया। समिति का मानना है कि रामलीला के माध्यम से न केवल सनातन संस्कृति का प्रचार होगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन को भी नई पहचान मिलेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस अवसर पर कहा कि “उत्तराखंड की 1952 की सांस्कृतिक विरासत को भव्य स्वरूप में पुनर्जीवित करना आने वाली पीढ़ियों को गढ़वाल की रामलीला से जोड़ने का कार्य करेगा, जो राज्य के भविष्य के लिए महत्त्वपूर्ण है।”

अवसर पर अतिथि के रूप में बार काउंसिल अध्यक्ष राकेश गुप्ता, सेंट जोसफ अकादमी के प्रधानाचार्य रेव. ब्रदर जोसफ एम जोसफ, ब्रदर कुजूर, डॉ. महेश कुटियाल, सचिवालय संघ अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महामंत्री जीतमणि पैन्यूली, राज्यमंत्री विनोद उनियाल, पूर्व पार्षद जितेंद्र गोला, पार्षद रोहन चंदेल, संजय कनौजिया सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

समिति के अनुसार 2024 में रामलीला को विभिन्न माध्यमों से 55 लाख से अधिक दर्शकों ने देखा था। इस बार इतिहास में पहली बार Laser और Sound Show के साथ Digital Live Telecast System से प्रसारण होगा, जिसे 75 लाख से अधिक दर्शक देखने की संभावना है। साथ ही सांस्कृतिक समागम, भजन संध्या, पारंपरिक लोकनृत्य और 2 अक्टूबर को रावण–कुंभकरण–मेघनाथ दहन का आयोजन विशेष आकर्षण रहेगा।

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