सीमांत सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्थाई अस्पताल नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा

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नारायण दत्त भट्ट।
बनबसा।नवरात्रि मेले में सीमांत सेवा फाउंडेशन का अस्थाई अस्पताल बना श्रद्धालुओं के लिए वरदान ।

सीमांत सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्थाई अस्पताल नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है। इस कैंप में निःशुल्क जांच, दवाइयां, एंबुलेंस, ऑक्सीजन, नेबुलाइजर सहित तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे श्रद्धालु अत्यंत लाभान्वित हो रहे हैं।बरेली, उत्तर प्रदेश से आई ननकई माताजी इस सेवा से अत्यंत प्रसन्न दिखीं। उन्होंने जब इलाज के बाद दवाइयों की कीमत पूछी और उन्हें बताया गया कि यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है, तो वे भावुक हो गईं। उन्होंने डॉक्टरों और स्वयंसेवकों को ढेरों आशीर्वाद दिए और कहा कि इस उम्र में दूर जाना कठिन था, लेकिन यहाँ जो सेवा मिल रही है, वह किसी वरदान से कम नहीं।
कैंप में एक व्यक्ति, जिसके पैर पर कार का टायर चढ़ गया था, का प्राथमिक उपचार किया गया। डॉक्टरों ने तत्काल इंजेक्शन और आवश्यक दवाइयाँ देकर उसकी स्थिति को स्थिर किया। उसके परिजनों ने सीमांत सेवा फाउंडेशन की टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह सुविधा न होती, तो उन्हें इलाज के लिए दूर जाना पड़ता, जिससे बहुत परेशानी होती।
जो श्रद्धालु हर साल मेले में आते हैं, वे इस बार अस्थाई अस्पताल की सुविधा से बेहद संतुष्ट नजर आ रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा कि पहले छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी परेशानी उठानी पड़ती थी, लेकिन इस बार डॉक्टर, दवाइयां और एंबुलेंस की सुविधा पास में ही उपलब्ध है, जो बहुत बड़ी सेवा है।अब तक 900 से अधिक मरीजों की जांच और उपचार किया जा चुका है। श्री राम मूर्ति मेडिकल कॉलेज, बरेली के विशेषज्ञ डॉक्टर मोक्ष सेठी, हिमांशु बरनवाल, दिव्यांशु सिंह और सीमांत सेवा फाउंडेशन के डॉक्टर सिद्धार्थ पाटनी, जीवन पंत, ललित पंत लगातार मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। इसके अलावा, स्वास्तिक हॉस्पिटल से भी 2 डॉ प्रतिदिन इस कैंप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, जिससे चिकित्सा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ हो गई है।इस कैंप के सफल संचालन में स्थानीय युवा भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पीयूष, आयुष, सुशील, वंश, खुशी, नितेश, चंदन, दिनेश, तरुण, प्रेमा सहित कई युवा स्वयंसेवक के रूप में सहायता कर रहे हैं।
अस्थाई अस्पताल में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग वार्ड में 6 बेड की व्यवस्था की गई है। अंतिम नवरात्रि तक विशेषज्ञ डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे, जिससे किसी भी समय आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।

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